UP News: शिवपाल सिंह यादव (Shivpal Singh Yadav) के बेटे आदित्य यादव (Aditya Yadav) प्रसपा के प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद पहली बार लखनऊ (Lucknow) जाते समय मीडिया से बात की. लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे पर मीडिया से बात करते हुए उन्होंने पिता शिवपाल यादव की चिट्ठी, सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) की कार्यशैली और प्रसपा के गठबंधन के मुद्दे पर अपनी राय रखी. 

 

शिवपाल की चिट्ठी पर आदित्य ने दी यह सफाई

 

उन्होंने जन्माष्टमी के अवसर पर शिवपाल यादव द्वारा लिखी गई चिट्ठी पर कहा, 'य़ह चिट्ठी जन्माष्टमी के अवसर पर हजारों साल पहले हुई घटना पर लिखी गई थी. इसको कौन किस तरीके से जोड़ देता है और इसमें ऐसा कुछ भी नहीं था. उन्होंने जो लिखा था वह एक पौराणिक कथा थी.'  शिवपाल ने अपनी चिट्ठी में लिखा था कि समाज में जब भी कोई 'कंस' अपने पूज्य पिता को छल-बल से अपमानित कर पद से हटाकर अनाधिकृत अधिपत्य स्थापित करता है, तो धर्म की रक्षा के लिए मां यशोदा के लाल ग्वालों के सखा योगेश्वर श्रीकृष्ण अवश्य अवतार लेते हैं. शिवपाल के इस बयान से माना जा रहा था कि उनका निशाना सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव थे. 

 

सीएम योगी के कार्यकाल पर यह बोले आदित्य

 

उधर, सीएम आदित्यनाथ की कार्यशैली पर पूछे जाने पर प्रसपा नेता आदित्य ने कहा, 'योगी आदित्यनाथ के कार्यकाल में कई ऐसी चीजें हैं जो तारीफे काबिल है लेकिन जो बुलडोजर की राजनीति हो रही है और लोगों पर नाजायज केस हो रहे हैं, मामला कोर्ट में होने के बावजूद उसको नुकसान पहुंचाया जा रहा है, एक व्यक्ति के आरोप की सजा पूरे परिवार को नहीं दे सकते हैं.' आदित्य ने इस दौरान कहा कि जमीनी स्तर पर पार्टी को मजबूत करना है. चुनाव के पहले भी पार्टी ने गरीबों के हक में आवाज उठाई है उसी तरह दिक्कतों को लेकर सरकार तक लोगों की बात पहुंचाना है.

 

उन्होंने सपा और प्रसपा के बीच फूट पर कहा, 'हमारे समाज के लोग जिनकी अनदेखी की जा रही है, इस सरकार में उनके लिए हम लोग लड़ने का काम करेंगे.' गठबंधन के सवाल पर आदित्य यादव ने कहा, 'प्रसपा गठबंधन के लिए नेता और कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी दे चुकी है. हम लोग पार्टी के मजबूती के लक्ष्य को लेकर निकले हैं. आगे की भूमिका इसी हिसाब से बनेगी.'