Kanpur News: सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की कराची खाना शाखा के सुरक्षा पर फिर उठे सवाल, 41 साल पुराना लॉकर लापता
UP News: सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की कराची खाना शाखा एक बार फिर से चर्चा में है. इस बार बैंक के ग्राहक का लॉकर में रखा सामान ही नहीं बल्कि पूरा का पूरा लॉकर ही गायब हो गया है.
Locker Missing In Central Bank of India: सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की कराची खाना शाखा एक बार फिर से चर्चा में है. इस बार बैंक के ग्राहक का लॉकर में रखा सामान ही नहीं बल्कि पूरा का पूरा लॉकर ही गायब हो गया है. तिलक नगर निवासी बिस्किट कारोबारी रमेश खन्ना ने बैंक पर आरोप लगाया है कि 41 साल पुराना लॉकर लापता है. इसको लेकर रमेश खन्ना ने कानपुर पुलिस को शिकायत दर्ज करवाई है. जिसके बाद पुलिस ने जांच की बात कही है.
कारोबारी के लॉकर में सोना सहित ये सामान था
कानपुर के कारोबारी रमेश खन्ना की माने तो 41 साल पहले उनकी दादी और उनके नाम से एक संयुक्त लॉकर बैंक में किराए पर लिया गया था. इसमें 1 किलो 900 ग्राम सोना, 600 ग्राम चांदी और 6 कैरेट का डायमंड रखा हुआ था लेकिन इसी साल अप्रैल महीने में जब बैंक में लॉकर में रखे सामान गायब होने की खबर उनको लगी तो वह भी अपने लाकर को चेक करने पहुंचे. 7 अप्रैल को रमेश खन्ना बैंक पहुंचे लेकिन तब से लेकर अब तक तमाम पत्राचार के बावजूद उनको उनका लॉकर ढूंढे नहीं मिल पाया.
अप्रैल महीने में इसी शाखा के 11 लॉकर से गहने की चोरी हुई
कारोबारी रमेश खन्ना की मानें तो कराची खाना शाखा में लॉकर नंबर 391बी, 41 वर्षों से भी ज्यादा पुराना है. उनके अनुसार इसमें सवा करोड़ रुपए से ज्यादा की ज्वेलरी रखी हुई थी. इसी साल अप्रैल में बैंक की शाखा के 11 लॉकरों से गहने चोरी होने का मामला जब सामने आया तब रमेश भी बैंक पहुंचे लेकिन उनको उनका लॉकर नहीं मिला. कई बार बैंक को लिखित शिकायत की लेकिन सुनवाई ही नहीं हुई. बैंक के तमाम अधिकारियों के पास जाने के बावजूद समस्या का हल ना मिलने पर परेशान रमेश खन्ना कानपुर पुलिस के पास पहुंचे और शिकायत दर्ज कराई.
बैंक प्रबंधन ने अप्रैल महीने में 11 बैंकों के लॉकरों को तोड़कर सामान चोरी होने के मामले में करीब 2 करोड़ 68 लाख रुपये दिए थे. इस मामले में पुलिस ने शाखा प्रबंधक राम प्रसाद और लॉकर इंचार्ज शुभम मालवीय समेत सात लोगों को गिरफ्तार किया था. बैंक प्रबंधन ने दोनों को निलंबित कर दिया था. इस बीच नया मामला सामने आने के बाद एक बार फिर से बैंक की सुरक्षा में सवाल उठ खड़े हुए हैं.