कानपुर: मई महीने में जारी हुए मौत के 4364 सर्टिफिकेट, 1086 मौतें दर्ज होनी अभी बाकी
कानपुर नगर निगम ने मई महीने में मौत के सर्टिफिकेट जारी करने का रिकॉर्ड बनाया है. कुल 4368 डेथ सर्टिफिकेट 30 मई तक जारी हुए हैं. जबकि, 1086 मौतों को अभी तक दर्ज ही नहीं किया गया है.
कानपुर: उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में मौत के आंकड़े दर्ज करने को लेकर नगर निगम में मई का महीना सबसे बुरा साबित हुआ है. कानपुर नगर निगम की स्थापना किए हुए 81 साल हो गए हैं. आज तक कभी किसी महीने में 4336 डेथ सर्टिफिकेट नहीं बनाए गए हैं. ये पहला मौका है जब मई माहीने में 4 गुना अधिक मौत के आंकड़े सामने आए हैं.
4368 डेथ सर्टिफिकेट 30 मई तक जारी हुए हैं
कानपुर नगर निगम ने मई महीने में मौत के सर्टिफिकेट जारी करने का रिकॉर्ड बनाया है. कुल 4368 डेथ सर्टिफिकेट 30 मई तक जारी हुए हैं. जबकि, 1086 मौतों को अभी तक दर्ज ही नहीं किया गया है. बचे आंकड़े जून के खाते में जाएंगे. अगर इनको भी मई में दर्ज कर लिया जाए तो मौत की संख्या लगभग 5 हजार 4 सौ को पार जाता है.
पहले कभी ऐसा नहीं हुआ
कहना गलत नहीं होगा कि कानपुर में मई का महीना मौत का महीना बन पड़ा है. कानपुर के इतिहास में कभी भी मौत के आंकड़े इस तरह से सामने नहीं आए हैं जैसा इस बार देखने को मिल रहा है. कोरोना की पिछली लहर में भी मई 2020 के महीने में हुई मौतें 1443 दर्ज की गई थीं. वहीं, 2019 में ये आंकड़ा 1499 रहा था. इसी तरह अप्रैल के आंकड़े देखें तो अप्रैल 2019 में 1527 मौतें हुईं थीं. जबकि 2020 में अप्रैल में 458 मौतें दर्ज हैं. अप्रैल 2021 में 1953 सर्टिफिकेट जारी किए गए हैं. कोरोना की दूसरी लहर कहर बन कर टूटी है.
अधिकतर मरने वाले कोरोना संक्रमित
अभी 31 मई के जारी सर्टिफिकेट शामिल होना बाकी है. मई के महीने में अभी 1086 सर्टिफिकेट बनना बाकी है. इनको यदि जोड़ दिया जाए तो मई में मौतों के सर्टिफिकेट की संख्या 5450 पहुंचती है. पिछले साल से तुलना की जाए तो ये आंकड़ा लगभग चार गुना पहुंच रहा है. इसमें से अधिकतर मरने वाले कोरोना संक्रमित हैं. नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ अजय संखवार का कहना है कि 45 दिन में दिए जाने वाले सर्टिफिकेट को जिलाधिकारी ने 7 दिनों में देने के निर्देश दिए हैं.
जल्द से जल्द सर्टिफिकेट मृतकों के परिजनों को दिए जाएंगे
इस बीच नगर निगम की कोशिश है कि जल्द से जल्द सर्टिफिकेट मृतकों के परिजनों को दिए जाएं. इसके लिए मृतक की कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट को भी विभाग मान्यता दे रहा है. कोरोना से मौत होने पर किसी भी तरह से डॉक्टर्स के सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है. अप्रैल से ज्यादा डेथ सर्टिफिकेट मई में जारी हुए हैं, जिसमें कुछ सर्टिफिकेट अप्रैल महीने के भी हैं.
मृतक की फाइल ही गायब कर दी
यहां ये भी बता दें कि, अभी कुछ दिन पहले हैलेट अस्पताल पर मौत के आंकड़ों को छिपाने की खबर आई थी. अब हैलट अस्पताल प्रशासन पर आरोप लगा है कि मौत होने के बाद मृतक की फाइल ही गायब कर दी गई है ताकि, अस्पताल में इलाज के दौरान हुई मौतों के आंकड़ों को छुपाया जा सके. वहीं, कई मृतकों के परिजन अब RTI भेजकर जवाब मांगने के लिए मजबूर हुए हैं. जबकि, कई कई लोग असिपताल के चक्कर लगा रहे हैं. इतनी मशक्कत के बाद भी लोगों को हैलट अस्पताल से लिखा-पढ़ी में मौत के कारणों का जवाब नहीं मिल पा रहा है.
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