कानपुर: 90 साल की महिला को उसके पालतू कुत्ते ने नोच-नोचकर की हत्या, मचा कोहराम
कानपुर: सरकारी आंकड़ों की बात की जाए तो पिछले पांच सालों में 45,620 लोगों पर कुत्तों ने हमला किया है जिसमें से तकरीबन 18 हजार लोगों के मुंह और गले के पास हमला किया गया.

Kanpur News: देश के अलग-अलग शहरों से कुत्तों के काटने की कई घटनाएं आपने पहले भी देखी होंगी. कई घटनाओं में कुत्तों के काटने उनके भौंकने और दौड़ाने के दौरान बहुत से लोग घायल भी हुए और बहुत से विवाद भी खड़े हुए लेकिन कानपुर में एक हैरान करने वाली घटना सामने आई. जिसने सबको सोचने पर मजबूर कर दिया. खास कर उन लोगों को जो डॉग लवर्स हैं. कानपुर के विकास नगर क्षेत्र में रहा वाली के 90 वर्षीय महिला को उसके पालतू कुत्ते ने बेरहमी से नोच-नोच कर मौत के घाट उतार दिया. इसके बाद घर में कोहराम मच गया. घर में हर ओर खून ही खून फर्श पर पड़ा हुआ था और कुत्ते के मुंह में भी खून के निशान थे मानें पालतू कुत्ता आदमखोद हो गया हो. इसके बाद मोहल्ले के लोगों का जमावड़ा लगा गया. क्षेत्रीय पुलिस को इस घटना की सूचना दी गई और मृत महिला के शव को पोस्टमार्टम के लिए मोर्चरी भेजा गया.
दअरसल, कानपुर के विकास नगर क्षेत्र में रहने वाले मोहिनी त्रिवेदी अपनी बहु किरण और पोते के साथ घर में ही थी. उनके घर में एक जर्मन शेफर्ड प्रजाति का कुत्ता पला हुआ था. लेकिन एक हफ्ते पहले ही बहु और पोते का एक्सीडेंट होने के दौरान पैर में फ्रैक्चर हो गया था. इसके चलते मोहिनी त्रिवेदी किसी निजी काम से घर के आंगन में पहुंची, जहां पहले से ही खुला हुआ जर्मन शेफर्ड कुत्ता मौजूद था. लेकिन घर का पालतू कुत्ता किसी की जान ले लेगा इसका अंदाजा किसी को भी नहीं था. देखते ही देखते कुत्ते ने अपनी मालकिन मोहिनी त्रिवेदी पर हमला कर दिया और उन्हें जमीन पर गिराकर बुरी तरह नोच डाला. इससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई और घर में कोहराम मच गया. क्षेत्रीय मोहल्ले के लोगों घर पहुंचकर जब मंजर देख सब हैरान रह गए. मौके पर पुलिस को सूचना देकर बुला लिया. घटना स्थल पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है.
आखिर क्यों हुआ पालतू कुत्ता आदमखोर
पशु चिकित्सक और एक्सपर्ट्स की माने तो जानवर अचानक से हमलावर नहीं होते. इस घटना को लेकर पशु चिकित्सक आरके निरंजन का कहना है कि मौसम में बदलाव जानवर को चिड़चिड़ा बना देते हैं. उनमें एग्रेशन पैदा होता है. अक्सर ऐसी स्थित गर्मी में होती है. पालतू जानवर को गर्मी में पीने के लिए पानी जरूर दें, जिससे उनका टेंप्रेचर नॉर्मल बना रहता है. कूलर या पंखे की व्यवस्था जरूर करें. ऐसे जानवर बिल्ली हो या कुत्ता इन्हें गर्मी ज्यादा लगती है, जिसके चलते वो गुस्सैल रुख अख्तियार कर सकते हैं. इन जानवरों की डाइट का भी ध्यान रखना होता है. ज्यादा तरल पदार्थ जानवरों को देना चाहिए जिन्हें खाने के बाद उनके शरीर में तापमान में बढ़त न हो. गर्मियों में जानवर अगर ज्यादा भौंक रहा हो तो उसे ज्यादा चिल्लाएं नहीं, मारें नहीं दौड़ाएं नहीं वरना वो हमला कर सकता है.
हालांकि इस हादसे का अंदेशा किसी को नहीं था कि कोई पालतू जानवर ऐसा हमलावर हो सकता है कि किसी की जान ले ले. अपर पुलिस उपायुक्त पश्चिम विजेंद्र द्विवेदी ने बताया कि इस घटना को लेकर अभी तक किसी भी प्रकार की तहरीर पुलिस को नहीं दी गई है. लेकिन ये घटना बहुत ही दुखद है. जानकारी के मुताबिक हमलावर कुत्ते को ऑब्जर्वेशन में ले लिया गया है कि वो दोबारा किसी और पर हमला न कर सके. साथ ही पालतू जानवरों को पालने वालों को नसीहत और हिदायत भी दी जाती है कि वो जीवन सुरक्षा को ध्यान में रख जानवर को पालें.
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क्या बोलते हैं आंकड़े
सरकारी आंकड़ों की बात की जाए तो पिछले पांच सालों में 45,620 लोगों पर कुत्तों ने हमला किया है जिसमें से तकरीबन 18 हजार लोगों के मुंह और गले के पास हमला किया गया. वहां कानपुर नगर निगम ने कुत्ते पालने वालों के लिए नए नियम भी बनाए थे कि कुत्ते या बिल्ली को पालने के शौकीन लोग उनका रजिस्ट्रेशन नगर निगम में कराएं. लेकिन उसमें भी ज्यादातर लोगों ने इसे नजरअंदाज कर दिया.
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