Kanpur Bikru Case: कानपुर कलेक्ट्रेट रिकॉर्ड रूम से शस्त्र लाइसेंस की करीब 9000 फाइलें गायब हैं. इसका खुलासा एसआईटी जांच में हुआ है. सूत्रों की मानें तो करीब 1 साल से चल रही एसआईटी जांच में ये चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है. एसआईटी मई के पहले सप्ताह या मध्य में अपनी रिपोर्ट शासन को सौंपने भी जा रही है. दरअसल कलेक्ट्रेट के असलहा विभाग में लगातार गड़बड़ियों की शिकायतें आ रही थी. इस पर पूर्व जिलाधिकारी कानपुर महानगर आलोक तिवारी ने पिछले साल मार्च महीने में एसआईटी जांच की संस्तुति कर दी थी.
शस्त्र लाइसेंस की 9 हजार फाइल गायब
एसपी देव रंजन वर्मा के नेतृत्व में एसआईटी की कमेटी ने इन गड़बड़ियों पर अपनी जांच शुरू की थी. एसआईटी से पहले प्रशासन की जांच में भी कुल 40 हजार असलहा लाइसेंस में करीब 4000 फाइलें गायब होने की पुष्टि हो गई थी, लेकिन अब जब एसआईटी की जांच करीब-करीब पूरी हो चुकी है तो यह संख्या नौ हजार के करीब पहुंचती दिख रही है. कलेक्ट्रेट के रिकॉर्ड रूम में बिकरू कांड के कुख्यात विकास दुबे समेत कानपुर देहात से आई 173 असलहा लाइसेंस की फाइलें भी गायब हैं. इसमें पूर्व सांसद और पूर्व कैबिनेट मंत्री यूपी कमल रानी वरुण के असलहा की भी फाइलें हैं. एसआईटी टीम शस्त्र अनुभाग के लिपिकों से पूछताछ और सवाल जवाब के बाद इस नतीजे पर पहुंची है.
जानिए क्या था पूरा मामला?
दरअसल पिछले साल 93 फर्जी शस्त्र लाइसेंस बना कर जारी कर दिए गए थे जिसमें मां बेटे की फर्जी बुकलेट बना कर भी असलहा विभाग ने जारी किया था. मामला सामने आने के बाद जिला प्रशासन में हड़कंप की स्थिति देखने को मिली थी. जिसमें कार्रवाई करते हुए 3 असलहा विभाग के लिपिक बर्खास्त किए गए थे. बताया जा रहा है कि जांच में करीब एक दर्जन अधिकारी और कर्मचारियों की संलिप्तता पाई गई है. रिपोर्ट शासन को सौंपने के बाद इन पर कार्रवाई की तलवार लटक रही है.
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