Lok Sabha Election 2024: इस बार के लोकसभा चुनाव में सेक्स वर्कर्स भी मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे. कानपुर जिला प्रशासन ने 997 सेक्स वर्कर्स का नाम वोटर लिस्ट में शामिल किया है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सेक्स वर्कर्स का नाम वोटर लिस्ट से जोड़ा जा रहा है. बुद्धदेव कर्मस्कर बनाम पश्चिम बंगाल राज्य मामले में दायर याचिका की सुनवाई करते हुए देश की सर्वोच्च अदालत ने फैसला दिया था कि सेक्स वर्कर्स को सम्मान का अधिकार है. तर्क दिया गया था कि एक जगह पर स्थायी निवास ना होने की वजह से बीएलओ सेक्स वर्कर्स के फॉर्म को निरस्त कर देते हैं.


इस बार लोकसभा चुनाव के भागीदार बनेंगे सेक्स वर्कर्स


सेक्स वर्कर्स की जिंदगी सामाजिक तौर पर काफी उपेक्षा भरी रहती है. बाहर नहीं निकलने की वजह से निवास प्रमाण पत्र भी नहीं होता है. 2022 को सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों को आदेश दिया था कि सेक्स वर्कर्स का नाम भी वोटर लिस्ट में शामिल किया जाए. लोकसभा चुनाव के लिए कानपुर में 997 सेक्स वर्कर्स का नाम वोटर लिस्ट से जोड़ा गया है. सबसे ज्यादा कैंट विधानसभा में 545, दूसरे नंबर पर किदवईनगर विधानसभा में 445 और महाराजपुर विधानसभा में 7 सेक्स वर्कर्स के नाम दर्ज किए गए.


सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर वोटर लिस्ट से जुड़ रहे नाम


सबसे खास बात है कि वोटर लिस्ट में पुरुष सेक्स वर्कर्स के नाम भी शामिल हैं. सेक्स वर्कर्स के लिए आधिकारिक भाषा में "Marginalized" नाम दिया गया है. सुप्रीम कोर्ट ने आदेश में कहा था कि सेक्स वर्कर्स को चिह्नित करने के लिए नेशनल एड्स कंट्रोल आर्गेनाईजेशन (NACO) और स्टेट एड्स कंट्रोल सोसाइटी (NACS) समेत अन्य एनजीओ की मदद भी ली जा सकती है. सुप्रीम कोर्ट ने पुराने आदेश का हवाला देते हुए एक दशक पहले सेक्स वर्कर्स को पहचान-पत्र और राशन कार्ड नहीं दिए जाने पर चिंता भी जताई थी. 


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