UP News: कानपुर देहात (Kanpur Dehat)के दिलबर क्षेत्र के एक प्राइमरी स्कूल (Primary School) के प्रिंसिपल पर यह आरोप लगा है कि उन्होंने दलित छात्रों (Dalit Students) के लिए यह फरमान जारी कर दिया कि उन्हें मिड डे मील (Mid-Day-Meal) के लिए बर्तन अपने घर से लाने होंगे यानी वे स्कूल की थाली में खाना नहीं खा सकते. यह बात धीरे-धीरे फैल गई जिसके बाद जिला प्रशासन ने बड़ी संख्या में पुलिस बल और अधिकारियों की टीम स्कूल रवाना की ताकि मामले के पीछे का सच जाना जा सके.
घिरने पर प्रिंसिपल ने उलटे शिक्षकों पर लगाए आरोप
शिक्षकों ने बताया कि प्रिंसिपल अरुण कुमार शुक्ला अक्सर नशे की हालत में स्कूल में आते हैं. रसोइयों को दलित बच्चों के जूठे बर्तन स्कूल में न धोने की हिदायत उन्होंने ही दी थी. वहीं, स्कूल के बच्चों ने भी इसकी पुष्टि की है. दलित बच्चों ने बताया, 'मास्टर साहब ने कहा है कि खाने के लिए बर्तन घर से लेकर आओ, तुम नीची जात के हो.' हालांकि प्रिंसिपल ने इन आरोपों से इनकार किया है. उनका कहना है कि स्कूल में पढ़ाने वाले कुछ शिक्षक उनके खिलाफ षड्यंत्र रच रहे हैं. उनका यह भी कहना है कि शिक्षक अपना काम ईमानदारी से नहीं करते. इसका विरोध किए जाने पर शिक्षकों ने कुछ बच्चों और अभिभावकों को इस बात के लिए भड़काया और यहां पर भीड़ इकट्ठा कर बवाल करवाया.
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जिलाधिकारी ने कार्रवाई की दिया भरोसा
कानपुर देहात की जिलाधिकारी नेहा जैन ने कहा कि इस तरीके के भेदभाव को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. इस तरह की बात करने वाले शिक्षक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. जिले की बेसिक शिक्षा अधिकारी रिद्धि पांडे ने कहा कि एक टीम गठित की जाएगी और पूरे मामले की जांच कराई जाएगी. उन्होंने दोषी पाए जाने पर शिक्षक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया.
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