Kanpur News: उत्तर प्रदेश (UP) के कानपुर में बीजेपी (BJP) नेता के दवा व्यापारी को पीट-पीटकर अधमरा करने का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है. एक तरफ जहां सिख (Sikh) समुदाय के लोग और व्यापारी एकजुट हो गए हैं तो दूसरी ओर बीजेपी में मामले को लेकर गुटबाजी देखने को मिल रही है. मामले में बुधवार देर शाम बड़ी संख्या में बीजेपी के लोग पुलिस कमिश्नर कार्यालय पहुंचे और यूपी विधानसभा (UP Assembly) अध्यक्ष सतीश महाना (Satish Mahana) के खास राकेश तिवारी की अगुवाई में कमिश्नर से मिले. उन्होंने बीजेपी नेता अंकित शुक्ला पर इनाम घोषित किए जाने को गलत और जल्दबाजी बताया.
बीजेपी के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने कमिश्नर कार्यालय में धरना प्रदर्शन भी किया. साथ ही कहा कि अंकित शुक्ला को जेल भेजा गया तो दस हजार कार्यकर्ता उसके साथ जेल जाएंगे. दूसरी तरफ बीजेपी सांसद सत्यदेव पचौरी भी मामले को लेकर सामने आ गए हैं और साफ कहा है कि जिन लोगों ने कमिश्नर कार्यालय का घेराव किया वो बीजेपी के कार्यकर्ता नहीं हो सकते.
सांसद सत्यदेव पचौरी ने मामले को गंभीर बताया
साथ ही पीड़ित व्यापारी अमोलदीप सिंह के साथ जिस तरह मारपीट की गई, उसे सांसद सत्यदेव पचौरी ने गंभीर विषय बताया. पचौरी ने कहा कि बीजेपी में अपराधियों के लिए कोई जगह नहीं है, बीजेपी सत्य के साथ है. उन्होंने कहा कि आरोपी को पार्टी से निकलने के लिए प्रदेश अध्यक्ष को वो पत्र भी लिखेंगे. बीजेपी सांसद ने पुलिस की कार्रवाई और इनाम घोषित किए जाने को सही बताया है.
मेयर प्रमिला पांडेय ने भी की बैठक
इस बीच गुरुवार की सुबह कानपुर की मेयर प्रमिला पांडेय ने नगर निगम में बने प्रमिला सभागार में पार्षदों के साथ बैठक की. हालांकि, मेयर प्रमिला पांडेय ने पहले बैठक को इस मुद्दे से अलग बताया. वहीं घटना के बारे में सवाल किए जाने पर बोलते हुए कहा कि ये बहुत दुखदाई है. घटना पर दुख व्यक्त जताते हुए उन्होंने कहा कि जाने-अनजाने में गलतियां हो जाती हैं. उन्होंने आरोपी बीजेपी नेता अंकित शुक्ला का पक्ष लेते हुए कहा कि उसका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है, वहां ऐसा कैसे हो गया. उनका कहना था कि दोनों पक्षों से बात करके ऐसी गलती कभी भविष्य में न हो, इसको लेकर क्षमा याचना की जाएगी.
नगर निगम चुनाव के समय से बीजेपी दो गुटों में बंटी
बता दें कि बीते दिनों हुए नगर निगम के चुनाव के समय मेयर पद के लिए प्रत्याशी घोषित होने के पहले ही शहर की बीजेपी दो धड़ों में बंट गई थी. एक तरफ जहां विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना, प्रमिला पांडेय की टिकट के लिए ताकत लगाए हुए थे, वहीं सांसद सत्यदेव पचौरी अपनी बेटी नीतू सिंह को टिकट दिलाने के लिए जोर लगाए हुए थे. हालांकि, सतीश महाना इसमें भारी साबित हुए थे और टिकट प्रमिला पांडेय को दिया गया था और वो चुनाव में जीत भी गई थी. तभी से दोनों धड़ों में अंदरखाने खींचतान चल रही है. अब इस मामले में एक बार फिर माहना और पचौरी गुट आमने-सामने आ गए हैं.