UP News: उत्तर प्रदेश में कानपुर (Kanpur) के रायपुरवा इलाके में दवा व्यापारी से मारपीट के चर्चित मामले में आरोपी बीजेपी (BJP) नेता अंकित शुक्ला (Ankit Shukla) ने अन्य आरोपियों के साथ शुक्रवार दोपहर जॉइंट पुलिस कमिश्नर कार्यालय में सरेंडर कर दिया. शहर के व्यापारी और सिख (Sikh) समुदाय के लोगों के पीड़ित के पक्ष में एकजुट होने और मीडिया में मामले के सुर्खियों में रहने के बाद पुलिस ने बीजेपी नेता समेत अन्य आरोपियों पर 25-25 हजार रुपये का इनाम घोषित कर दिया था. साथ ही पुलिस अधिकारियों ने आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए कई टीमें लगा रखी थीं.


मामले में बीजेपी भी दो धड़ों में बंटी हुई दिखाई दी. शुक्रवार दोपहर बड़ी संख्या में बीजेपी के कार्यकर्ता, पार्षद सौम्या शुक्ला के साथ पुलिस कार्यालय पहुंचे, जहां जॉइंट पुलिस कमिश्नर आनंद प्रकाश तिवारी के कार्यालय जाकर पहले मामले में निष्पक्ष कार्रवाई की मांग की. बीजेपी नेता अंकित शुक्ला की पार्षद पत्नी सौम्या शुक्ला ने मामले पर कहा कि उनके पति पर लगे सभी आरोप झूठे हैं. पूरी घटना को धार्मिक रूप देकर गलत तरह से प्रसारित किया जा रहा है, जबकि उनके साथ बदनीयती और बदसलूकी की गई है. साथ ही पीड़ित व्यापारी अमोलदीप सिंह को घटना के समय शराब के नशे में भी बताया.


दवा व्यापारी का इलाज जारी


अभी बीजेपी के कार्यकर्ता पुलिस अधिकारी से बात ही कर रहे थे कि काले रंग की कार से आरोपी अंकित शुक्ला और मामले में नामजद उनके अन्य साथी जॉइंट पुलिस कमिश्नर के कार्यालय पहुंच गए और सरेंडर कर दिया. इसके बाद पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और जेल भेजने की तैयारी में जुट गई है. बीते शनिवार की रात रायपुरवा इलाके में कार ओवरटेक करने के चलते दवा व्यापारी अमोलदीप सिंह और बीजेपी पार्षद पति अंकित शुक्ला के बीच मारपीट हुई थी, जिसमें दवा व्यापारी को गंभीर चोंटे आ गई थीं. कानपुर में इलाज के बाद जब उनकी तबीयत में सुधार नहीं हुआ था तो उन्हें दिल्ली के सर गंगाराम हॉस्पिटल में इलाज के लिए भेजा गया था, जहां अभी भी उनका इलाज चल रहा है.


पार्षद सौम्या शुक्ला ने क्या कहा?


पार्षद सौम्या शुक्ला ने बताया कि किसी महिला, किसी की पत्नी के साथ अभद्रता होती है और उसके पति ने अपने साथियों के साथ इसका विरोध किया, अगर वो आप लोगों के सामने गलत है तो सरेंडर उन्होंने किया है. अब ये आपको देखना है सारे वीडियो, वो सारे साक्ष्य आपके सामने हैं, आप खुद ही देख लीजिए किसकी गलती है किसकी नहीं. उन्होंने कहा, "मुझे पता नहीं कि प्रशासन के ऊपर किस चीज का दबाव है, हम लोगों का किसी तरह का कोई पुलिस रिकॉर्ड नहीं है, छोटे से छोटा मुकदमा नहीं है और उन्होंने इस तरह से इनाम घोषित कर दिया. हम लोगों को पूरा का पूरा आरोपी साबित कर दिया, जैसे हम लोग कोई क्रिमिनल हैं और किसी का मर्डर किया है."


न्यायपूर्ण कार्रवाई की जाएगी- जॉइंट पुलिस कमिश्नर


वहीं जॉइंट पुलिस कमिश्नर आनंद प्रकाश तिवारी ने बताया कि दोनों पक्षों को लोग बारी-बारी से मिले हैं. तमाम संगठनों ने भी अपनी बात रखी है. बहुत से लोगों ने सामाजिक माध्यम पर भी बात कही है. पीड़ित पक्ष के परिजनों ने भी बात कही, हम लोगों ने ये स्पष्ट कर दिया है कि जो भी वीडियो फुटेज में है, सीसीटीवी कैमरे में है, मेडिकल एक्सपर्ट्स की रिपोर्ट होगी, स्वतंत्र साक्षी के बयान होंगे, उसके आधार पर जो सही कार्रवाई होनी चाहिए, वह न्यायपूर्ण कार्रवाई की जाएगी. मुख्यमंत्री का स्पष्ट निर्देश है कि शासन में कानून के हिसाब से सही कार्रवाई होनी चाहिए और वो हम लोग करेंगे. पांचों लोगों को गिरफ्तार करके जेल भेजा गया है. सभी को न्यायिक जिम्मा पर भेजे जाने के लिए प्रार्थना पत्र दिया गया है.


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