Kanpur Dehat: कानपुर देहात में स्वच्छ भारत मिशन फेज-2 में सामने आया बड़ा घोटाला, जांच के आदेश
Kanpur News: योगी सरकार भले ही एक बढ़कर एक दावे कर ले, पर कानपुर देहात में अधिकारी स्वच्छ भारत मिशन फेज टू को पूरी सिद्धत के साथ चूना लगा रहे हैं.
Scam in Swachh Bharat Mission Phase 2 Kanpur: यूपी की योगी सरकार भले ही जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम करने की बात करती है, लेकिन कानपुर देहात में योगी की मंशा को दरकिनार करते हुए जनपद के कर्मचारी और अधिकारी खुल्लमखुल्ला करोड़ों के भ्रष्टाचार को अंजाम दे रहे हैं. हालात, ये हैं कि कानपुर देहात में विकास कार्य सिर्फ कागजों में हो रहा है. धरातल पर विकास कार्य देखने को आपको कहीं नहीं मिलेगा. कुल मिलाकर कानपुर के जिम्मेदार अधिकारी योगी के मिशन को बदनाम करने लगे हैं.
साल 2021-2022 में कानपुर देहात में स्वच्छ भारत मिशन फेज 2 और एसएलडब्लू योजना में जनपद के विकास विभाग के कर्मचारियों और उच्चाधिकारियों पर करोड़ों रूपये का भ्रष्टाचार करने का आरोप लगा है. इस भ्र्ष्टाचार पर अगर कोई कर्मचारी मुंह खोलने की हिम्मत जुटाने की कोशिश करता है, तो उसे विकास विभाग की उच्चाधिकारी द्वारा सस्पेंड और शासन स्तर से कई जांच कराकर बर्खास्त कराने की धमकी दी जा रही है. बावजूद इसके शासन स्तर से ऐसे अधिकारियों पर कोई कार्यवाही नही जा रही है. अभी तक जनपद की जिलाधिकारी द्वारा इस प्रकरण में कोई भी कार्यवाही नही की गई है. साफ है कि कहीं न कहीं भ्रष्टाचार के इन मामलों में जिलाधिकारी की सह भी इन अधिकारियों को है.
अधिकारी लगा रहे स्वच्छ भारत मिशन को पलीता
भारत सरकार द्वारा वर्ष 2021-2022 में कानपुर देहात के सभी ब्लाकों में लगभग 142 ग्राम पंचायतों को स्वच्छ और सुंदर बनाने के लिये स्वच्छ भारत मिशन के तहत विकास कार्य कराना था. ताकि गांव में पानी की निकासी ठीक हो सके और गांव में स्वच्छता को बढ़ा मिले. नालियों का पानी रोड पर न बहे, इसके लिये टैंक बनाकर नालियों में डाला जाना था. कूड़ा फेंकने के लिए गड्ढे बनाए जाने थे. इन कार्यों के लिए स्वच्छ भारत मिशन फेज 2 और एसएलडब्ल्यू योजना से इन पंचायतों में करोड़ों की धनराशि भेजी गई थी, लेकिन जनपद की जिलाधिकारी की लापरवाही के चलते विकास विभाग की उच्चाधिकारियों और डीपीआरओ व स्वच्छता मिशन के डीसी ने मिलकर ग्राम प्रधानों के डोंगल प्रधानों से एक्टिवेट व रिन्यूवल करने के बहाने मंगवा लिये और ग्राम प्रधानों के डोंगल से करोड़ों रूपये निकाल लिए. ग्राम प्रधानों के डोंगल से रुपये निकालने समय ओटीपी स्वच्छता मिशन में कार्य देख रहे डीसी के मोबाइल पर भेज भ्रष्टाचार को अंजाम दिया गया. ताकि ग्राम प्रधान कुछ न बोल सके. इसके लिये ग्राम प्रधानों को कुछ नगद धनराशि थमा दी गई. नतीजा यह निकला कि पंचायतों में स्वच्छ भारत मिशन फेज 2 और एसेलडब्ल्यू के तहत कोई कार्य नही कराये गये बल्कि विकास के लिये आया रुपया अधिकारियों कर्मचारियों की भेंट चढ़ गया. हालात ये है कि इन गांवों में गंदगी का अंबार लगा हुआ है. नालियों का पानी गांव की सड़कों पर बह रहा है. गांव के बाहर कूड़ा और गोबर के ढेर लगे हैं. ग्रामीणों से बात की गई तो ग्रामीणों ने बताया कि गांव में कोई कार्य नही कराया गया है. न ही सॉफ्टिक टैंक बने हैं और न ही कूड़ा और गोबर के गड्ढे बनाये गए हैं. गांव में नालियों का पानी सड़क पर बह रहा है. अगर गांव में पैसा लगा दिया जाता तो गांव की तस्वीर बदल जाती.
142 डोंगल से निकाले गए करोड़ों रुपये
स्वच्छ भारत मिशन फेज 2 और एसेलडब्ल्यू योजना में वर्ष 2021-2022 में जनपद के सभी ब्लाकों से लगभग 142 ग्राम प्रधानों के डोंगल से करोड़ों की धनराशि निकाली गई है. इसमें विकास विभाग के उच्च अधिकारियों, डीपीआरओ सहित स्वच्छता मिशन के डीसी ने प्रधानों को गुमराह कर करोड़ों रूपये निकाल लिए. जब पंचायत सचिवों ने इस भ्रष्टाचार पर आवाज उठानी चाही तो उच्च अधिकारियों द्वारा उनको सस्पेंड करने के साथ शासन स्तर से कई जांचे कराकर बर्खास्त कराने की धमकियां दी जा रही हैं. मामला सुर्खियों में आने के बाद जनपद में जांच के लिए पहुंचे प्रमुख सचिव जितेंद्र कुमार ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच कराकर दोषियों पर कार्यवाही करने की बात कही है. जनपद के जिला पंचायत राज अधिकारी अभिलाष बाबू से वर्ष 2021-2022 में जब इस भ्रष्टाचार के मामले पर बात की गई तो उनके भ्रष्टाचार होने की बात कबूल करते हुए कहा कि स्वच्छ भारत मिशन फेज 2 और एसेलडब्ल्यू में हुए भ्रष्टाचार की जांच कराने के निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार में जो भी दोषी पाया जायेगा सभी के खिलाफ कठोर कार्यवाही की जाएगी.
अहम सवाल, कौन करेगा कार्रवाई
अहम सवाल यह है कि स्वच्छ भारत मिशन फेज 2 और एसेलडब्ल्यू योजना में हुए भ्रष्टाचार पर जिला पंचायत राज अधिकारी अपने अधिकारियों और कर्मचारियों पर कार्यवाही करने की बात कर रहे हैं, लेकिन भ्रष्टाचार में शामिल विकास विभाग के उच्चाधिकारी पर कार्यवाही कौन करेगा?
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