Khushi Dubey News: कानपुर के बहुचर्चित बिकरू कांड (Bikru Case) मामले में आरोपित खुशी दुबे (Khushi Dubey) को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से जमानत मिल चुकी है बावजूद इसके वो अभी तक जेल में ही है, जेल से बाहर नहीं आ पाई हैं. इस मामले पर खुशी दुबे के वकील का कहना है कि इस मामले में सच्चाई छिपाने की कोशिश की जा रही है, जिस सत्यापन की कार्रवाई को सिर्फ कुछ घंटे लगते हैं पुलिस अब तक वो नहीं कर पाई है. 


कानपुर के बिकरू कांड में सह आरोपित खुशी दुबे अभी भी जेल में बंद है. बीती 4 जनवरी को खुशी दुबे को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल चुकी है लेकिन जमानतगीरों के सत्यापन को लेकर पुलिस का लचर रवैया देखने को मिल रहा है. कानपुर की पनकी और नौबस्ता पुलिस को खुशी दुबे के जमानत लेने वालों के सत्यापन का काम करना है लेकिन 12 दिन बीत जाने के बावजूद सत्यापन का काम नहीं किया जा सका है, इसे लेकर खुशी दुबे के वकील शिवाकांत दीक्षित ने पुलिस के खिलाफ कई सवाल खड़े किए हैं. 


जमानतियों का सत्यापन नहीं कर पाई पुलिस
खुशी दुबे के वकीलों की मानें तो कुछ लोग सच को छुपाने में लगे हुए हैं. जमानत लेने वालों के सत्यापन का काम आधे से 1 घंटे में हो जाना चाहिए लेकिन कई दिन बीत जाने के बावजूद पुलिस लापरवाही बरत रही है. साथ ही यूको बैंक के मैनेजर भी अपना काम नहीं कर रहे इसी के चलते खुशी दुबे के वकील शिवाकांत दीक्षित ने कोर्ट को इस बात की इतना दी जिसके बाद कोर्ट ने 3 दिन के अंदर सभी जरूरी कागजातों को लेकर उनकी और नौबस्ता थाने के थाना प्रभारियों समेत यूको बैंक के मैनेजर को 19 जनवरी को तलब कर लिया है. खुशी के वकील की माने तो जानबूझकर मामले को डाला जा रहा है.


सुप्रीम कोर्ट से मिल चुकी है जमानत
बिकरू कांड में 8 पुलिस वालों की निर्मम हत्या की गई थी. जिसके बाद विकास दुबे समेत उसके पांच साथियों का पुलिस ने एनकाउंटर किया था. उसी में से एक अमर दुबे था, खुशी दुबे उसी की पत्नी है. खुशी वारदात के समय नाबालिग थी लेकिन पुलिस ने फर्जी सिम कार्ड के मामले में और आपराधिक षड्यंत्र में शामिल होने को लेकर खुशी को जेल भेज दिया था. इस हाई प्रोफाइल मामले में खुशी दुबे को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल चुकी है और उसके बाहर आने पर तमाम रहस्यों से पर्दा उठने की बात कही जा रही है.


खुशी दुबे के वकील भी यह कह रहे हैं कि कई महीनों बाद जब खुशी जेल से बाहर आएगी तो कई सवालों के जवाब मिलेंगे और उन जवाबों के सामने आने पर खुशी पर हुए अत्याचार की दास्तान भी सबको पता चल जाएगी. हालांकि इस मामले में पुलिस कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है कि आखिर थाना स्तर से इतनी देर और लापरवाही क्यों की जा रही है. 


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