Khushi Dubey News: 'उन 4 दिनों में मुझ पर क्या बीती मैं नहीं बता सकती', जेल से रिहा होने के बाद खुशी दुबे का छलका दर्द
Kanpur Bikru Case: खुशी के वकील शिवाकांत ने बताया खुशी पर सभी गंभीर धाराएं लगाई गई, जिसमें 302,396,7CLA जैसी तमाम गंभीर धाराएं लगाई गई थीं. मुझे कानून पर विश्वास था देर लगी लेकिन न्याय मिला.
Khushi Dubey Released From Jail: कानपुर के बिकरू कांड में आरोपित खुशी दुबे की 30 महीने बाद जेल से रिहाई हो चुकी है. खुशी दुबे की रिहाई का परवाना आज शनिवार को देर शाम जेल पहुंचा था. खुशी अपने वकील शिवाकांत के साथ जेल से बाहर निकली, वह किसी भी सवाल पर कुछ भी कहने से बचाती हुई नजर आईं. खुशी ने कहा कि मैं 4 तारीख को थाने गई और 8 तारीख को जेल, उन चार दिनों में मुझ पर क्या बीती मैं नहीं बता सकती. मुझे आज तक नही पता मैं किस मामले में जेल गई थी.
खुशी के वकील शिवाकांत ने बताया खुशी पर सभी गंभीर धाराएं लगाई गई, जिसमें 302,396,7CLA जैसी तमाम गंभीर धाराएं लगाई गई थीं. मुझे कानून पर विश्वास था देर लगी लेकिन न्याय मिला. खुशी को लेने जेल पहुंची खुशी की बहन नेहा तिवारी ने कहा कि ये पल बहुत दिनों के बाद आया है, इसका हमें इंतजार था मैं सभी को धन्यवाद देती हुं कि सभी ने मेरा साथ दिया. इसके साथ ही खुशी की बहन नेहा ने कहा कि मेरी बहन बेकसूर है और वहीं उन्होंने खुशी के चुनाव लड़ने के मामले पर कहा कि अभी ऐसा कोई विचार नहीं है.
वहीं नेहा ने कहा कि अभी खुशी का शादी का कोई इरादा भी नहीं है, उन्होंने कहा कि मेरी बहन और मैं सिर्फ बहन नहीं थे हम दोस्त थे और सबसे छोटी होने के नाते मुझे उससे बहुत प्यार भी है. खुशी दुबे की जमानत को लेकर चीफ जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़, जस्टिस एस. अब्दुल नजीर और पी.एस. नरसिम्हा की बेंच के सामने वरिष्ठ वकील विवेक तन्खा ने दलील में कहा कि खुशी दुबे अपराध के समय नाबालिग थी और उसे सशर्त जमानत दी जानी चाहिए. मामले में चार्जशीट भी दायर की जा चुकी है. खुशी दुबे पर गैंगस्टर विकास दुबे के सशस्त्र सह-आरोपी को पुलिसकर्मियों को मारने के लिए उकसाने का आरोप था.