UP Assembly Election 2022: कानपुर के चर्चित बिकरू कांड मामले में कांग्रेस पार्टी ने जेल में बंद खुशी दुबे की मां से संपर्क साधा है. प्रियंका गांधी के निर्देश पर कांग्रेस पार्टी के एक राष्ट्रीय सचिव ने स्थानीय कांग्रेस की इकाई के माध्यम से खुशी दुबे की मां गायत्री तिवारी से फोन पर बातचीत की और उन्हें चुनाव लड़ने की पेशकश की. हालांकि खुशी दुबे की मां की माने तो उन्होंने साफ तौर पर चुनाव लड़ने से इनकार करते हुए कहा कि उन्हें राजनीति नहीं बल्कि अपनी बेटी के लिए न्याय चाहिए.कानपुर के चर्चित बिकरू कांड को आप भूले नहीं होंगे. विकास दुबे और उसके गुर्गे द्वारा 8 पुलिस वालों की नृशंस हत्या हुई थी.


कांग्रेस ने खुशी की मां से संपर्क साधा
इसी मामले में पुलिस एनकाउंटर में मारे गए अमर दुबे की पत्नी खुशी दुबे जेल में है. खुशी दुबे के बारे में यह बात बार बार सामने आ रही है कि जब उसे जेल में डाला गया तो वह नाबालिग थी और इसे बेवजह सरकार ने जेल में ठूंस रखा है. इसी बेबसी का फायदा अब राजनीतिक दल अपने अपने तरीके से उठाने में जुटे हुए हैं. इस चुनावी मौसम में तमाम राजनीतिक दल इसका चुनावी लाभ उठाने में गुरेज नहीं कर रहे हैं. ऐसे में खबर यह है कि कांग्रेस पार्टी ने प्रियंका गांधी के निर्देश पर खुशी दुबे की मां से संपर्क साधा है.


फोन पर चुनाव लड़ने का प्रस्ताव दिया गया-खुशी की मां
खुशी दुबे की मां गायत्री तिवारी की माने तो स्थानीय कांग्रेस नेताओं ने पार्टी के राष्ट्रीय सचिव से उनकी फोन पर बातचीत करवाई थी. गायत्री तिवारी की माने तो फोन पर बात करने वाले कांग्रेस पार्टी के पदाधिकारी ने उनको फोन पर ही चुनाव लड़ने का प्रस्ताव पेश किया जिसे उन्होंने नकार दिया था.


बेटी के लिए न्याय चाहिए-खुशी की मां
खुशी की मां गायत्री तिवारी की माने तो उन्हें अपनी बेटी के लिए न्याय चाहिए. उनका राजनीति से दूर दूर तक कोई वास्ता नहीं है और वह इस मामले में पीड़ित है उन्हें राजनीति नहीं करनी. उन्हें अपनी बेटी के लिए न्याय चाहिए जो इस वक्त भी जेल में है. गायत्री तिवारी की माने तो उन्हें बहुत डर लगता है और खुशी दुबे के साथ जेल के भीतर हो रही प्रताड़ना उन्हें रह रह कर परेशान कर रही है.


न्याय दिलाकर ही रहेंगे-कांग्रेस नेता
कांग्रेस नेता इस मामले में नकारात्मक जवाब मिलने के बाद संभलकर बोल रहे हैं. कांग्रेस के कानपुर नगर ग्रामीण जिला अध्यक्ष अमित पांडे गोलमोल जवाब देते हुए कहते हैं कि कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय पदाधिकारियों द्वारा इस बाबत परिजनों से संपर्क साधा गया लेकिन परिजन इतने भयभीत और डरे हुए हैं कि उन्होंने चुनावी मैदान में उतरने से साफ इनकर कर दिया. कांग्रेस नेताओं का कहना है कि प्रियंका गांधी सामाजिक न्याय की बात करती हैं और खुशी दुबे और उसके परिजनों को न्याय दिलाकर ही रहेंगे.


सपा बसपा ने भी मदद का संदेश भेजा-परिजन
खुशी दुबे के परिजनों की मानें तो इससे पहले बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी के एक पूर्व ब्राह्मण मंत्री द्वारा उनको चुनावी राजनीति में उतारने के संबंध में ना सिर्फ बयान दे चुकी हैं बल्कि पर्दे के पीछे से उनकी मदद करने को संदेश भी भेज चुकी है लेकिन परिजन साफ तौर पर इन प्रस्तावों को नकार चुके हैं. उनका कहना है कि उन्हें अपनी जेल में बंद बेटी को जल्द से जल्द बाहर निकलवाना है और उसे न्याय दिलवाना है इसलिए परिजन राजनीति के क्षेत्र में प्रवेश नहीं करेंगे.


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