Satish Mahana News: कानपुर (Kanpur) में एक बार फिर से बीजेपी (BJP) में गुटबाजी को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं. विधानसभा स्पीकर सतीश महाना (Satish Mahana) से बीजेपी के दो सांसद नाराज बताए जा रहे हैं. जिसकी एक झलक सोमवार को महाना द्वारा बुलाई गई बैठक में भी देखने को मिली. सतीश महाना ने कानपुर शहर के समग्र विकास को लेकर एक बैठक बुलाई थी. इस बैठक में सभी जनप्रतिनिधि और अधिकारी पहुंचे. लेकिन कानपुर से बीजेपी सांसद सत्यदेव पचौरी (Satyadev Pachauri) और अकबरपुर से सांसद देवेंद्र सिंह भोले (Devendra Singh Bhole) ने इससे दूरी बनाए रखी.
विधानसभा स्पीकर सतीश महाना की बैठक की जो तस्वीर सामने आईं हैं. वो लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी को परेशान करने वाली हैं. इस बैठक में कानपुर से सभी जनप्रतिनिधियों को बुलाया गया था, जिसमें शहर के सभी जनप्रतिनिधि और अधिकारी पहुंचे. मंडलायुक्त, डीएम, मेयर और बीजेपी के कई विधायक पहुंचे. दो घंटे तक शहर के विकास को लेकर मंथन भी चलता रहा लेकिन बीजेपी सांसद सत्यदेव पचौरी और देवेंद्र सिंह भोले बैठक में शामिल नहीं हुए.
सतीश महाना पर गंभीर आरोप
सतीश महाना के खिलाफ बीजेपी के दोनों सासंदों ने मोर्चा खोल दिया है. पहले चर्चा थी कि दोनों सांसद इस बैठक में शामिल होकर पार्टी में एकजुटता दिखाएंगें, लेकिन ऐसे नहीं हुआ. बैठक से दूरी बनाकर उन्होंने अपना नाराजगी को साफ कर दिया. महाना के अधिकारों को लेकर बीजेपी को दोनों सांसदों के तेवर तल्ख हैं. बीजेपी सांसद देवेंद्र सिंह भोले का तो साफ कहना है कि महाना को ऐसी बैठक बुलाने का अधिकार ही नहीं है. उन्होंने कहा "कानपुर के विकास पर चिंता तो होनी चाहिए लेकिन विधानसभा स्पीकर का पद राजनीति से परे होता है. राजनैतिक तौर पर इवेंट पैदा करने के लिए अगर वो बैठक करते हैं और ये कहकर कि निमंत्रण और सूचना दी गई जो कि वास्तव में नहीं दी गई. इस पर उन्हें विचार करना चाहिए. वैसे वो बैठक लेने के हकदार भी नहीं है.
वहीं दूसरी तरफ सतीश महाना ने कहा कि "अगर मैं किसी को निमंत्रण नहीं देता हूं तो ये सांसदों या विधायकों की बैठक नहीं है. विकास का मामला है. मैं बैठक करता हूं उसकी सूचना सबके पास जाती है." दरअसल कानपुर में सतीश महाना और बीजेपी सांसदों के झगड़े की कहानी नई नहीं है. निकाय चुनाव के बाद ये तल्खी और भी ज्यादा बढ़ गई है. कानपुर की मेयर प्रमिला पांडे सतीश महाना गुट की मानी जाती है. बीजेपी ने उन्होंने दोबारा टिकट दिया और वो चुनाव भी जीत गईं. जबकि सत्यदेव पचौरी उन्होंने दोबारा टिकट देने पर नाराज थे.
बीजेपी सांसद और महाना के बीच पुरानी अदावत
कानपुर बीजेपी में झगड़े की ये कहानी पिछले साल भी नजर आई थी जब सतीश महाना ने 18 नवंबर को भी विकास कार्यों को लेकर बैठक बुलाई थी. तब सत्यदेव पचौरी ने नाराज होकर मंडलायुक्त को चिट्ठी लिख दी थी. दावा किया कि विकास पर बैठक बुलाने का अधिकारी उनका नहीं है. पचौरी के इस पत्र का देवेंद्र सिंह भोले ने भी समर्थन किया था.
ये भी पढ़ें- UP Politics: अखिलेश यादव बोले- यूपी सरकार ने दिया 'तमंचा संस्कृति' जन्म, नोएडा की घटना के लिए इन्हें बताया जिम्मेदार