UP News: देश आजादी का अमृत महोत्सव (Aazadi Ka Amrit Mahotsav) मना रहा है. उधर, उत्तर प्रदेश में तिरंगे को लेकर सियासत अपने चरम पर पहुंच गई है. कानपुर में बुधवार को तिरंगा यात्रा (Tiranga Yatra) के आयोजन से पहले बीजेपी युवा मोर्चा के दो गुट आपस में भिड़ गए जिसे लेकर अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने ट्वीट किया तो बवाल मच गया.
बीजेपी कार्यकर्ताओं की बहस में कूदा विपक्ष
कानपुर में तिरंगा यात्रा से पहले बीजेपी के युवा कार्यकर्ता कुछ इस तरह उलझे कि इसे विपक्षी दलों ने फौरन लपक लिया. बीजेपी इन दिनों शहर-शहर, मोहल्ले-मोहल्ले, गली-गली तिरंगा यात्राओं का आयोजन कर रही है और संगठन से लेकर सरकार के तमाम मंत्री, विधायक और सांसद तिरंगा यात्राओं के आयोजन में पहुंचकर बीजेपी कार्यकर्ताओं के साथ-साथ हर नागरिकों को राष्ट्रभक्ति से जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं.
तिरंगा यात्रा को दंगा यात्रा में न बदलें - अखिलेश
दरअसल बुधवार को उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक कानपुर में तिरंगा यात्रा में शामिल होने पहुंचे लेकिन मोतीझील चौराहे पर तिरंगा यात्रा आयोजन से पहले ही भारतीय जनता युवा मोर्चा के कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए. मारपीट का वीडियो वायरल हो गया. इसके फौरन बाद समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने वीडियो को ट्वीट करते हुए लिखा कि बीजेपी के कार्यकर्ताओं से आग्रह है कि वह तिरंगा यात्रा को दंगा यात्रा में ना बदलें. यह बात बीजेपी के स्थानीय नेताओं के गले नहीं उतरी और उन्होंने अखिलेश यादव पर जमकर हमला बोल दिया.
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सपा नेता के बयान पर किदवई नगर से विधायक महेश त्रिवेदी ने कहा है कि अखिलेश यादव के मन में हमेशा दंगा रहता है और इसीलिए उन्होंने तिरंगा यात्रा को दंगा यात्रा का नाम दे दिया है. वहीं समाजवादी पार्टी के आर्य नगर से विधायक अमिताभ बाजपेई का कहना है कि बीजेपी नेताओं को अपनी आंखों का इलाज करवाना चाहिए और उन्हें बेहतरीन नेत्र रोग विशेषज्ञ की जरूरत है क्योंकि अखिलेश यादव की आंखों में दंगे का चश्मा नहीं है.
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