UP News: हैलेट ब्लड बैंक में खून की दलाली करने वाले गैंग का खुलासा हुआ है. जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ संजय काला ने खून की दलाली में लिप्त पाए जाने के आरोप में लैब सहायक योगेंद्र कुमार को निलंबित कर दिया है. वहीं आउटसोर्सिंग के दो कर्मचारियों को बर्खास्त कर प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक के नेतृत्व में जांच कमेटी गठित कर दी गई है. इस गैंग में कई अन्य कर्मियों के लिप्त होने की आशंका है. इसे लेकर सतर्कता बढ़ा दी गई है.
4 हजार रुपये दलाल को दिलाए थे
प्राचार्य की माने तो मेडिकल कॉलेज से संबद्ध मेटरनिटी विंग में कोरोना की जांच के लिए लगी ट्रूनेट मशीन में योगेंद्र कुमार लैब सहायक के पद पर कार्यरत हैं. योगेंद्र कुमार ने 21 जुलाई की रात वार्ड 16 में भर्ती फूलमती के तीमारदार से ब्लड के नाम पर 4 हजार रुपये किसी दलाल को दिलाए थे. इसके बाद मेडिकल कॉलेज पैथोलॉजी विभाग की प्रोफेसर डॉक्टर सुमनलता से ब्लड मुफ्त में दिए जाने की अनुमति ली और तीमारदार को ब्लड बैंक ले गया. ब्लड बैंक में ड्यूटी कर रहे लैब टेक्नीशियन संजय शुक्ला को शक हुआ तो उसने तीमारदार से पूछ लिया. तीमारदार ने चार हजार रुपए देने की बात कही.
योगेंद्र को पकड़ा गया
तीमारदार ने यह भी बताया कि यह रकम योगेंद्र ने जिसे दिलाई है उसे वह नहीं जानता. इसके बाद योगेंद्र को पकड़ लिया गया. ब्लड बैंक के प्रभारी डॉ की माने तो संजय शुक्ला गार्डों के सहयोग से लैब सहायक योगेंद्र कुमार और तीमारदार उसे आकस्मिक चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर के पास ले गया. वहां उनसे पूछताछ की और प्राचार्य को इसकी जानकारी दी. प्राचार्य की मानें तो शुरुआती जांच के आधार पर उसे निलंबित कर दिया गया है और आउटसोर्सिंग के कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया गया है.
प्रिंसिपल की मानें तो जांच कमेटी में प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक और मुख्य चिकित्सा अधीक्षक शामिल हैं. जांच रिपोर्ट के आने पर कार्रवाई की बात कही गई है. यानी योगेंद्र कुमार को भी जांच के बाद बर्खास्त किया जा सकता. इस बीच खून की दलाली के बड़े रैकेट के पर्दाफाश होने से कुछ और नए लोगों के नाम सामने आ सकते हैं.
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