Kanpur: कानपुर में फर्जी लाभार्थियों के खाते में भेजे जा रहे थे PF के पैसे, जांच में जुटी विजिलेंस टीम
कानपुर में सेंट्रल विजिलेंस टीम ने दो कंपनियों के खिलाफ कर्मचारी भविष्य निधि घोटाले में जांच शुरू की है. इन दोनों कंपनियों के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया गया है.
UP News: कानपुर (Kanpur) में प्रोविडेंट फंड ऑफिस (Provident Fund Office) में सेंट्रल विजिलेंस टीम ने विभागीय जांच शुरू की है. आत्मनिर्भर भारत योजना (Aatam Nirbhar Yojana) के तहत कई कंपनियों के रजिस्ट्रेशन और पीएफ फंड में घोटाले की बात सामने आई है. जिनमें से दो कंपनियों के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज हुआ है. पिछले दिनों तीन लाख की घूस लेते सीबीआई द्वारा रंगे हाथों इंफोर्समेंट इंस्पेक्टर को गिरफ्तार किया गया था. फिलहाल चार सदस्यीय सेंट्रल टीम मंगलवार को जांच करने में जुटी हुई है.
इन लोगों के खिलाफ दर्ज किया गया है केस
जाहिद लेदर प्राइवेट लिमिटेड के तीन निदेशकों पर एफआईआर दर्ज हुई है. इन निवेशकों के नाम जाहिद शौकत, राशिक शौकत और शरीफ शौकत है. बताया जाप रहा है कि लाखों के पीएफ फंड में खेल किया गया है. सेंट्रल विजिलेंस की टीम की जांच में सामने आया है कि वास्तविक पीएफ लाभार्थी के बजाय फर्जी लाभार्थियों के खातों में राशि को ट्रांसफर किया गया था. दूसरा मामला एसएमसी मेन पावर सलूशन कंपनी का सामने आया है. इस कंपनी के निवेशकों के खिलाफ भी धोखाधड़ी की गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है. यहां भी लाखों के पीएफ फंड का के घोटाले की बात सामने आई है. कंपनी के डायरेक्टर ललित गुप्ता और मुकुल चौबे पर एफआईआर दर्ज की गई है. इस कंपनी में भी वास्तविक पीएफ लाभार्थी के बजाय फर्जी लाभार्थियों के खातों में रकम ट्रांसफर कराई है. दोनों कंपनियों के खिलाफ काकादेव थाने में धोखाधड़ी की धाराओं में एफआईआर दर्ज हुई है.
जांच में पाई गई पीएफ की फर्जी एंट्री
डीसीपी वेस्ट विजय ढुल ने बताया कि सोमवार को थाना काकादेव में एंप्लॉई प्रोविडेंट फंड के अधिकारियों के खिलाफ तहरीर दी गई थी, जिसमें जांच में ये पाया गया कि कंपनियों के द्वारा प्रोविडेंट फंड एक्ट के अनुसार नियमों का पालन पूरी तरीके से नहीं किया गया है और काफी फर्जी एंट्री जांच में पाई गई. इस पर सुसंगत धाराओं में मुकदमा पंजीकृत किया गया है. अग्रिम कार्रवाई की जा रही है.
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