Kanpur News: धर्म निरपेक्षता का जिक्र हमारे भारतीय संविधान मे है जिसमे सभी धर्मों को समान दर्जा देने और सम्मान देने को बात कही गई है. ऐसे में अब शिक्षा के क्षेत्र में भी अब धर्म निरपेक्षता की तस्वीर दिखाई देने लगी है. कानपुर विश्वविद्यालय में अब धार्मिक और धर्म की जानकारी देने के लिए नए कोर्स शुरू किये जा रहे हैं. जिसमे जैन धर्म की पढ़ाई कराई जाएगी. कानपुर विश्वविद्यालय अब जैन धर्म, साहित्य और उसकी धरोहर पर शिक्षा देने जा रहा है.


कानपुर विश्वविद्यालय के ए प्लस ग्रेड और यूजीसी कैटेगरी वन छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय में अध्यात्म के क्षेत्र में भविष्य बनाने वाले छात्रों को यहां पूजा पद्धति का ज्ञान मिल सकेगा. जिसमे जैन गणित, जैन दर्शन, इतिहास, भाषा, पर स्नातक /डिप्लोमा सर्टिफिकेट के साथ परस्नातक कोर्स कराए जाने की व्यवस्था शुरू की जाएगी. इसके अलावा अहिंसा, अपरिग्रह, अनेकांत, कर्म सिद्धांत, भूगोल, आयुर्वेद, ज्योतिष की भी जानकारी इस पाठ्यक्रम मे दी जाएगी.


20 जून से शुरू होगा कोर्स
कानपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर विनय पाठक का कहना है कि इस पाठ्यक्रम का शुभारंभ 20 जून 2024  से किया जाएगा. छात्र जैन धर्म के ज्ञान को भी हासिल कर सकेंगे और इस धर्म के माध्यम में भविष्य में सफलताएं पा सकेंगे. युवा धीरे-धीरे अपने धर्म और आदर्शों को भूल रहे हैं. आधुनिक शिक्षा के क्षेत्र में यदि हम अपने कल्चर और पद्धति को भूल गए तो धीरे धीरे ये सभी चीजें खत्म हो जाएंगी. विश्वविद्यालय में इनसे संबंधित विषयों की पढ़ाई कराई जाएगी.


जैन शोध पीठ के अध्यक्ष सुमित जैन शास्त्री नियुक्त किए गए हैं तथा विश्वविद्यालय द्वारा राजीव जैनको पीठ का समन्वयक नियुक्त किया गया है. जैन शोध पीढ़ी के माध्यम से जैन दर्शन और साहित्य को समझ सकेंगे. शोध प्रबंध के जरिए उसको देशकाल और परिस्थितियों में समझकर वैज्ञानिक विश्व में उसकी उपयोगिता और आवश्यकता को भी सत्यापित कर पाएंगे.