Kanpur School: कानपुर के कौशलपुरी इलाके में किराए के मकान में चल रहे स्कूल का बुरा हाल है. इस स्कूल में सालों बाद भी बिजली की मीटर नहीं लग पाया है. यहां पर बत्ती गुल है और बच्चे तपती गर्मी में पढ़ने को मजबूर हैं. स्कूल की प्रिंसिपल कई बार बिजली विभाग से लेकर केस्को के एमडी, बेसिक शिक्षा अधिकारी और डीएम तक शिकायत कर चुकी हैं लेकिन बिजली को लेकर मामला तमाम विभागों के बीच ही अटका हुआ है. 

 

बिना बिजली तपती गर्मी में पढ़ाई

कानपुर के कौशलपुरी में साल 1959 से प्राथमिक विद्यालय चल रहा है, तीन साल पहले ही इसमें एक और प्राथमिक विद्यालय ओमनगर भी शिफ्ट हो गया. दोनों स्कूलों में 4 लोगों का स्टाफ है और कुल 90 छात्र छात्राएं पढ़ते हैं. शहर के बीचों बीच कानपुर नगर में पड़ने वाले इन दोनों विद्यालयों में अंधकार छाया हुआ है.

 

तमाम सरकारी विभाग मिलकर भी इस स्कूल में फैले अंधियारे को मिटाने को तैयार नहीं. ऐसा इसलिए क्योंकि इस स्कूल के पास खुद का बिजली का मीटर सालों बीत जाने के बाद भी नहीं है. हाल में संपन्न हुए चुनाव के बाद बिजली विभाग केस्को ने स्कूल की बत्ती काट दी थी, जिसके बाद स्कूल प्रिंसिपल ने तमाम संबंधित विभागों में इसकी सूचना दी लेकिन उनकी समस्या का निदान नहीं हो सका. 


 

स्कूल प्रिंसिपल ने किया ये दावा
इस स्कूल की प्रिंसिपल गीता गुप्ता का दावा है कि ऐसी कोई जगह नहीं जहां ये अध्यापक नहीं गए हों लेकिन इस समस्या का हल नहीं मिल पाया. साल 2019 में स्कूल की तरफ से नए मीटर के लिए भी अप्लाई किया गया. बावजूद इसके स्कूल में बिजली नहीं आ पाई. स्कूल की प्रिंसिपल दिव्यांग होने के बावजूद नीचे से ऊपर तक कोशिश कर चुकी हैं ये हालत तब है जब सरकारी विभागों का बिजली का बिल करोड़ों रुपये बकाया रहता है लेकिन उनकी बिजली नहीं काटी जाती. यहां तो बिजली का कोई बकाया बिल भी नहीं है फिर भी नया कनेक्शन देने में इतनी परेशानी हो रही है. 

 

डीएम ने लिया मामले का संज्ञान

वहीं केस्को का कहना है कि नया मीटर इस कारण से नहीं लग रहा क्योंकि कई साल पहले यहां रहने वाले किसी किरायेदार ने बिजली के बिल का पूरा भुगतान नहीं किया था. इस बारे में जब एबीपी गंगा की टीम ने जिलाधिकारी कानपुर नगर नेहा शर्मा से बात की तो उन्होंने इस मामले को संज्ञान में लेते हुए जल्द ही स्कूल में बत्ती का इंतजाम करवाने की बात कही. स्कूल की प्राचार्य की माने तो पहले यहां पर जुगाड़ से बिजली जलती थी. जिसके बाद 2019 में उन्होंने नए मीटर के लिए कोशिश करनी शुरू की. 

 

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