Kanpur Circle Rate:  कानपुर में एक लंबे समय के बाद शहर की जमीनों के सरकारी रेट यानी सर्किल रेट बढ़ाने की तैयारी की जा रही है. लगभग 20 प्रतिशत सर्किल रेट बढ़ाने की तैयारी है. शहर की कुछ जमीनें 15 प्रतिशत तो कुछ 20 प्रतिशत के दायरे में आ सकती हैं. साल 2015 के बाद अब नए सर्किल रेट के लिए सर्वे किए जा रहे हैं, जिसकी रिपोर्ट को भेजकर इसे फाइनल रूप दिया जाएगा और जल्द ही नए दरों के साथ सर्किल रेट खुलेंगे.


जिला प्रशासन की ओर से नए सर्किल रेट को लेकर सर्वे की रिपोर्ट पर काम किया जा रहा है लेखपाल से लेकर एसडीएम, कानूंगों और तहसील स्तर के मुख्य कर्मचारियों को अपने अपने क्षेत्रों की रिपोर्ट देने को कहा गया है, जिसके बाद सर्वे रिपोर्ट शासन को दे जाएगी और इसके बाद इस नए सर्किल रेट के दरों पर मुहर लगेगी.


नए विकसीत हो रहे क्षेत्रों पर नजर


इस नए सर्किल रेट के दायरे में सबसे पहले नए विकसित हो रहे क्षेत्र होंगे. क्योंकि अब जमीनों के खरीदार नए की ओर बढ़ रहे हैं क्योंकि पुराने क्षेत्रों में जमीन ज्यादातर बिक चुकी हैं या उन्हें शहर के करीब या बीच एम होने के चलते पहले ही ऊंचे दामों पर खरीदा या बेचा जा चुका है, जिसके चलते प्रशासन की पहली नजर नए विकसित हो रहे क्षेत्र में है.


अब इन क्षेत्रों पर अधिकारियों की नजर 


अभी तक शहर के ये इलाके सबसे ज्यादा महंगे और पोर्श कहलाते थे, जिसमे आर्यनगर ,तिलकनगर, स्वरूप नगर, 80 फीट रोड, लाजपत नगर, सिविल लाइन ,किदवई नगर, नवाबगंज, मॉल रोड यहां रेट और जमीन दोनों हमेशा बड़े थे, जहां और अधिक सर्किल रेट बढ़ाने की तैयारी है. क्योंकि इस क्षेत्रों में जमीनों की कीमत सर्किल रेट से भी कई गुना अधिक थी. इसके अलावा नए विकसित हो रहे क्षेत्र, यशोदानगर, रतनपुर, पनकी, मैनावती मार्ग, जवाहरपुरम, सिंहपुर ,गंगाबैराज रोड ऐसे कई इलाके हैं जिसमे अब लोग बसना शुरू हो रहे हैं यहां के सर्किल रेट पर अधिकारियों की नजर है.


अब नए सर्किल रेट को लेकर जमीन खरीदने वाले को अधिक स्टाम्प ड्यूटी यानी कीमत देनी होगी. जिससे राजस्व को फायदा होगा. फिलहाल 9 साल बाद बढ़ने जा रहे सर्किल रेट से जमीन खरीदने का सपना बहुत से लोगों का टूट भी सकता है. क्योंकि आज के समय में जमीन खरीदना बहुत बड़ा काम है, लेकिन जमीन की कीमत अब सर्किल रेट पर निर्भर है, जिसे कीमत चुकाने में अधिक पैसा लगेगा.


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