(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
कानपुर: आर्डिनेंस फैक्टरियों के निगमीकरण के विरोध में कांग्रेस का विरोध प्रदर्शन, कहा- फैसला वापस ले सरकार
प्रदर्शन करने जुटे कांग्रेस कार्यकर्ताओं का कहना है कि कानपुर में स्थित आर्डिनेंस फैक्टरियां देश की आन बान और शान हैं. आर्डिनेंस फैक्टरियों के कर्मचारियों के साथ कांग्रेस कार्यकर्ता केंद्र सरकार के इस फैसले के खिलाफ हैं.
कानपुर: यूपी के कानपुर में आयुध निर्माणियों (आर्डिनेंस फैक्टरियों) के निगमीकरण के विरोध में आज कांग्रेस ने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया. सिर पर काली पट्टी बांधकर, काले झंडे लेकर कांग्रेस जनों ने केंद्र सरकार के इस फैसले का विरोध जताया. शहर कांग्रेस कमेटी दक्षिण के अध्यक्ष शैलेंद्र दीक्षित के नेतृत्व में आज कांग्रेसी कार्यकर्ता स्मॉल आर्म्स फैक्ट्री के बाहर एकजुट हुए और बीजेपी सरकार द्वारा देश की 41 आयुध निर्माणियों के निगमीकरण के खिलाफ आवाज बुलंद की.
कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने सिर पर काली पट्टी बांधी, विरोध में काले झंडे लहराए और पीएम और सीएम के मुर्दाबाद के नारे लगाकर अपना सख्त विरोध जताया. कांग्रेस ने केंद्र सरकार के इस फैसले को तानाशाह पूर्ण रवैया भी बताया है और आयुध निर्माणी में कार्यरत 70,000 कर्मचारियों के हितों को आघात पहुंचाने वाला फैसला भी बताया है.
कानपुर को उद्योगों की कब्रगाह बनाने की कोशिश ना की जाए- कांग्रेस
प्रदर्शन करने जुटे कांग्रेस कार्यकर्ताओं का कहना है कि कानपुर में स्थित आर्डिनेंस फैक्टरियां देश की आन बान और शान हैं. देश जब भी युद्ध काल में गया युद्ध के संकट से बाहर निकालने में इन आयुध निर्माणियों ने बड़ी मदद की है. यहां पर बनने वाले तोप, गोले, मशीन गन और अत्याधुनिक हथियार देश की सेनाओं की ताकत को हमेशा बढ़ाते आए हैं. ऐसे में आर्डिनेंस फैक्टरियों का निगमीकरण किया जाना बेहद घातक कदम होगा. सरकार का यह फैसला गलत है और इस फैसले को वापस लिया जाना चाहिए.
प्रदर्शन करने वालों ने कहा कि कांग्रेस के सभी कार्यकर्ता इन आर्डिनेंस फैक्टरियों में काम करने वाले कर्मचारियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हुए हैं. केंद्र सरकार के इस कदम से रक्षा प्रतिष्ठानों की कार्य की प्रकृति पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ेगा. कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने इस दौरान केंद्र सरकार से मांग की कि कानपुर उद्योगों का शहर के नाम से जाना जाता रहा है. इसे उद्योगों की कब्रगाह बनाने की कोशिश ना की जाए. आर्डिनेंस फैक्टरियों के कर्मचारियों के साथ कांग्रेस कार्यकर्ता केंद्र सरकार के इस फैसले के खिलाफ हैं.
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