UP News: कानपुर में साजिशों को अंजाम देने के लिए लगातार ट्रेन हादसों को कराने की कोशिश हो रही है. एक महीने में तीसरी ट्रेन हादसे की साजिश ने सबको हिला कर रख दिया है, अब यात्री ट्रेन में सफर करने में भी डर रहे हैं. ऐसे में जांच एजेंसियों ने कानपुर के प्रेमपुर स्टेशन पर रखे गए मिनी गैस सिलेंडर की जांच तेज कर दी है और कई संदिग्धों को अपनी रडार पर ले लिया है और उनसे पूछताछ की जा रही है.


अभी तक कानपुर में तीन ट्रेन हादसे करने की साजिश फिलहाल नाकाम हुई है, जिसमें किसी को कोई नुकसान नहीं हुआ है. लेकिन हादसों की ये साजिश पूरे देश में अलग अलग हिस्सों में देखने को मिल रही है और इन साजिशों को लेकर जांच एजेंसियों के हाथ अभी तक खाली है. सिर्फ कयासों का बाजार गर्म है, साजिश की कड़ी और तार किस्से जुड़े हैं, इसके विषय में अभी कुछ भी सटीक तौर पर पता नहीं लग सका है.


वहीं कानपुर पुलिस से लेकर लोकल इंटेलिजेंस और एनआईए , आईबी जैसी एजेंसियां इस साजिश के खुलासे की जांच कर रही हैं. पहले साबरमती एक्सप्रेस फिर कालिंदी एक्सप्रेस और अब माल गाड़ी को निशाना बनाने की कोशिश न तो पहले की घटना के खुलासे हुए और न ही नई  घटना में कुछ हाथ लगा, बस संदिग्ध को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है.


पहले बैठकर शराब पी और ट्रेन के आने का इंतजार किया
कानपुर के प्रेमपुर स्टेशन पर रखे गए मिनी गैस सिलेंडर इसके पास मौके से मिले बीयर के केन इस बार का इशारा जरूर कर रहे हैं कि यहां सिलेंडर रखने वालों ने पहले बैठकर शराब पी और ट्रेन के आने का इंतजार किया और जैसे ही ट्रेन के आने का समय हुआ तो सिलेंडर  को रखकर गायब हो गए.


दिल्ली हावड़ा रूट का ये रेलवे ट्रैक सबसे व्यस्त है. यहां हर थोड़ी देर में ट्रेनें गुजरती हैं. सवाल ये हैं की माल गाड़ी से पहले निकलने वाली ट्रेन के ट्रैक पर सिलेंडर मौजूद नहीं मिला, इसका मतलब है कि हादसा मालगाड़ी के साथ कराना था. लेकिन बार बार रेलवे ट्रैक पर सिलेंडर कहां से आ रहे हैं.


जांच टीम ने प्रेमपुर स्टेशन के पास से लगभग 60 लोगों से पूछताछ की थी, कुछ को हिरासत में लेकर अभी भी पड़ताल की जा रही है. मिनी गैस सिलेंडर के मिलने से आस पास के लोकल गैस रिफिलिंग वालों से भी पूछताछ की जा रही है. ग्रामीण क्षेत्र में लोग ऐसे ही रिफिलिंग  वालों से गैस भरवा लेते हैं लगभग 5 किलो ग्राम का ये छोटा गैस सिलेंडर किसका है, ये पता करने की कोशिश जारी है.


सिलेंडर के साथ बीयर की केन बरामद हुई थी
जिस जगह हादसा हुआ उससे महज चंद कदमों पर रेलवे कर्मियों के क्वार्टर बने हुए हैं, जिसमें  रेलवे कर्मी रहते हैं. वहीं के कुछ लोगों की मानें तो यहां रेलवे ट्रैक के पास लोग नशा करने के लिए आते हैं, क्योंकि यहां सन्नाटा रहता है. कोई रोकने टोकने वाला नहीं मिलता तो लोग यहां शराब की बोतले लेकर बैठते हैं और हुजूम में शराब पीते हैं. जिस दिन हादसा हुआ उस दिन में इस ट्रैक पर सिलेंडर के साथ बीयर की केन बरामद हुई थी. अब देखना है की सिलेंडर और बीयर के केन की कहानी के तार किसे जुड़ते हैं और जांच एजेंसियां कब तक इस साजिश और पिछली साजिशों के राज खोल पाती हैं.


ये भी पढ़ें: तिरुपति बालाजी मंदिर प्रसाद मामले में रचा गया षड्यंत्र! संत समिति ने लगाए कई गंभीर आरोप