UP Election 2022: यूपी विधानसभा चुनाव के बीच कानपुर महानगर के कई इलाकों में घर-घर पहुंच रहे पर्चे चर्चा का विषय बने हुए हैं. इन पर्चों पर लव जिहाद, पलायन और धर्मांतरण पर लगाम लगाने वाले कई सवाल छपे हुए हैं. भड़काऊ बताए जा रहे इन पर्चों को देखकर कहा जा रहा है कि ये विधानसभा चुनाव में ध्रुवीकरण की धार तेज करने की कवायद हो सकती है.


बता दें कि उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में नामांकन का दौर चल रहा है. कानपुर और आस-पास के क्षेत्रों में तीसरे चरण में मतदान कराया जाना है. लेकिन इस बीच घर-घर पहुंच रहे कुछ पर्चे चर्चा का विषय बन पड़े हैं. अखबारों के माध्यम से घर-घर पहुंच रहे इन पर्चों में 12 सवाल अंकित हैं. देखने वाले इन्हें भड़काऊ पर्चों की संज्ञा दे रहे हैं तो कुछ इसे शरारत बता रहे हैं, लेकिन पर्चों को लेकर सियासी पारा चढ़ गया है.


पर्चे में पूछे गये हैं ये सवाल


पर्चों का शीर्षक है 'यदि हां तो फिर योगी....'


इसके नीचे लिखी सबसे पहली बात है कि


1. क्या मिश्रित हिंदू मुस्लिम इलाकों से हिंदुओं का धर्मांतरण और पलायन रुका है.


2. क्या शुक्रवार को नमाज के नाम पर सार्वजनिक स्थानों पर होने वाला एक साथ अतिक्रमण रुका है.


3. क्या थानों में जालीदार टोपी वालों की भीड़ द्वारा अपराधियों को छुड़ा ले जाने का घटनाक्रम रुका है.


4. क्या लव जिहाद और एंटी रोमियो स्क्वायड के ऑपरेशन द्वारा स्कूल से बच्चियों के अगवा होने का षड्यंत्र रुका है.


5. क्या राम लला का मंदिर बनने से और काशी विश्वनाथ का उद्धार होने से खोई हुई आध्यात्मिक शक्ति को विश्वास मिला है.


6. क्या जात पात पंथ भेद में बटा हिंदू फिर से एक हुआ है.


7. क्या एक सन्यासी ने राजा बनकर राज्य कोष का उपयोग जनहित में किया है.


8. क्या हिंदू धर्म पर अमर्यादित टिप्पणी करने का सिलसिला रुका है.


9. क्या शहरों के नाम परिवर्तित होने से खोई हुई संस्कृति को फिर से गौरव प्राप्त हुआ है.


10. क्या राह चलती महिलाओं को चेन स्नेचिंग और झपट्टा मार गिरोह से छुटकारा मिला है.


11. क्या बिना किसी भेदभाव के हर प्रदेश वासी को सरकारी योजनाओं का लाभ मिला है.


12. क्या प्रदेश पिछले 5 सालों से ऐसे शासक के हाथों में है जिसकी सरकार में एक भी दंगा नहीं हुआ.


ये वो बातें हैं जो पर्चे में लिखी गई हैं, लेकिन ये पर्चे कहां छपे हैं, किसने इन्हें छपवाया है और इन्हें कौन किस मकसद से बांट रहा है इसकी पड़ताल शुरू हो गई है.


समाजवादी पार्टी ने लगाया ये आरोप


बताया जा रहा है कि पिछले 2 दिनों से कानपुर के कल्याणपुर रामादेवी समेत कई इलाकों में हॉकर्स के माध्यम से इन पर्चों को घर-घर पहुंचाने का काम किया जा रहा है. ऐसे में प्रशासन और पुलिस अलर्ट मोड पर आ गए हैं. लेकिन अब इस पर सियासत भी हावी होने लगी है. भारतीय जनता पार्टी इन पर्चों से तो पल्ला झाड़ती है लेकिन इसमें लिखी बातों को अपना जरूर मानती है. वहीं समाजवादी पार्टी के चर्चित विधायक इरफान सोलंकी का कहना है कि यह पहली बार नहीं है जब इस तरह से पर्चे बांटकर मतदाताओं के ध्रुवीकरण की कोशिश की जा रही हो.


प्रशासन कर रहा जांच की तैयारी


कानपुर में बंट रहे ये पर्चे घर-घर पहुंच रहे हैं. इसे लेकर जिला प्रशासन अब घर-घर अखबार पहुंचाने वाले हॉकर्स से पूछताछ करने का मन बना रहा है ताकि सच सामने आए और गड़बड़ी करने वाले सलाखों के पीछे भेजा जा सके. लोगों के घरों में सुबह-सुबह डाले जा रहे पर्चे में राम मंदिर, काशी के उद्धार का जिक्र है और हिंदुत्व के एजेंडे पर सरकार के कामों का बखान भी किया गया है. ऐसे में अलर्ट प्रशासन जल्द ही इसकी जड़ तक पहुंचने की कोशिश में है.


जिला निर्वाचन अधिकारी दिया कार्रवाई का भरोसा


जिला निर्वाचन अधिकारी नेहा शर्मा ने बताया कि इस बात की जानकारी हमें अभी अभी मिली है, कि हेट सैंटिमेंट्स को स्प्रेड करने की कोशिश की जा रही है, उसमें मेरे द्वारा पुलिस को भी सूचना दी गई है. ये पर्चे न्यूज पेपर्स के बीच सर्कुलेट किए जा रहे हैं तो इसमें बड़ा चैलेंज ये है कि ये छापे कहां जा रहे हैं, क्योंकि इसका मुद्रण और प्रकाशन उस पर्चे पर नहीं है, जो भी इसके पीछे होगा उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी.


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