सीएसजेएमयू और कानपुर आईआईटी मिलकर चलाएगा साइबर प्रोग्राम, 6 महीने में स्टूडेंट बनेंगे एक्सपर्ट
UP News: कानपुर आईआईटी और कानपुर विवि ने एक साइबर प्रोगाम पर समझौता किया है. इस कोर्स को करने के लिए छात्र सीएसजेएमयू के साइट पर जाकर जानकारी अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते है.
Kanpur News: आईआईटी कानपुर और कानपुर विश्वविद्यालय ने एक साइबर प्रोग्राम पर समझौता किया है. जिससे अब कानपुर विश्वविद्यालय में साइबर प्रोग्राम के जरिए 6 माह में स्टूडेंट साइबर एक्सपर्ट बन जायेगा. जिसके चलते विश्वविद्यालय इस कोर्स को शुरू कर 50 हजार छात्रों का लक्ष्य लेकर चल रहा है. जिसमे 6 महीने में 50 हजार छात्रों को साइबर एक्सपर्ट बनाया जायेगा.
आईआईटी कानपुर और सीएसजेएमयू कानपुर ने एक संयुक्त समझौता किया है. जिसमें साइबर सिक्योरिटी वोकेशनल प्रोग्राम लॉन्च किया जाएगा. छत्रपति शाहू जी महाराज इनोवेशन फाउंडेशन और आईआईटी कानपुर के सीबीआई हब के साथ समझौता हुआ है. दोनो संस्थान के सहयोग से हर महाविद्यालय के छात्रों को जोड़ने की कवायद की जाएगी. इच्छुक छात्र इस कोर्स के जरिए साइबर के एक्सपर्ट बनकर बाहर निकले ही और यू ही इस फील्ड में महारत हासिल होने के बाद इससे जुड़ी जानकारी के लिए कई संस्थान और सरकारी नौकरियों के लिए मौका भी मिलेगा.
क्या रहेगी इस कोर्स में व्यवस्था
इस कोर्स के लॉन्च किए जाने का उद्देश्य सामान्य जागरूकता और सुरक्षित रूप से नेविगेट करने के लिए जरूरी कुशल से सुरक्षा मैलवेयर विश्लेषण ,नेटवर्क सुरक्षा, क्रिप्टोग्राफी जैसे सुरक्षा विषयों पर जानकारी दी जाएगी. वहीं इस कोर्स के लिए सीएसजेएमयू के कुलपति विनय पाठक और आईआईटी के प्रोफेसर मनिंदर अग्रवाल ने बताया की ये कोर्स छात्रों के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा क्योंकि लगातार देश आगे बढ़ रहा है. जिसमे साइबर एक मुख्य भूमिका निभाता है. इसकी जानकारी छात्रों के माध्यम से उनके परिजनों तक को जागरूक करेगी. इसकी कुछ जानकारी इस कोर्स को कर कुशल बने छात्र अपने परिवार से साझा करेंगे और यू ही जागरूक भी कर देंगे.
साइबर से जुड़ी धोखेबाजी की घटनाएं होगी कम
इस कोर्स को करने के लिए या उसमें प्रवेश लेने के लिए छात्र अब सीएसजेएमयू के साइट पर जाकर जानकारी हासिल कर सकते हैं. साथ ही सीएसजेएमयू में भी पहुंचकर इसकी जानकारी हासिल की जा सकती है. इससे साइबर से जुड़ी धोखेबाजी की घटनाएं कम होंगी. वहीं इस कोर्स को ज्यादा से ज्यादा बढ़ाने का काम किया जाएगा. इसमें रुचि रखने वाले की संख्या एक साथ अन्य छात्रों को इसे जुड़ी सुविधाएं दी जाएगी. वहीं अन्य कॉलेज और महाविद्यालय को भी इससे जोड़ा जाएगा.
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