UP News: कानपुर देहात (Kanpur) में 12 दिसंबर 2022 को पुलिस कस्टडी (Police Custody) में बलवंत नाम के युवक की पीट-पीटकर हत्या के मामले में जिले के सात पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर उनके खिलाफ केस दर्ज किया गया है. इसके साथ ही उनकी गिरफ्तारी के आदेश भी जारी किए गए थे.  वहीं एडीजी भानु भास्कर पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे. उनके साथ जिले की पुलिस कप्तान सुनीति और तमाम आला अधिकारी भी मौजूद रहे. यह मुलाकात डेढ़ घंटे तक चली.


 एडीजी भानु भास्कर ने परिजनों को बताया कि पुलिस मामले की जांच कर रही है. मामले के तूल पकड़ते ही प्रदेश सरकार ने शासन स्तर पर इस हत्याकांड की जांच का फैसला किया है. कन्नौज एसपी को इसकी जिम्मेदारी सौंप दी गई. एडीजी स्तर की जांच में कुछ नए तथ्य सामने आने की बात निकल कर आ रही है. एडीजी भानु भास्कर ने मीडिया को बताया कि परिजनों से बातचीत में नई बातें उजागर हुई हैं जिसके आधार पर अब जांच की जाएगी और जो भी इस पूरे प्रकरण में दोषी है, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. 


परिवार ने डॉक्टर की भूमिका पर उठाए सवाल


एडीजी ने बताया कि घटना में शामिल अधिकारियों पर भी शिकंजा कसा जाएगा. एडीजी भानु भास्कर ने बताया कि परिवार के लोगों ने कुछ और लोगों पर भी शक जाहिर किया है. उनके बयान के अनुसार अब उन लोगों पर भी पूरी तरीके से सख्ती बरतते हुए जांच की जाएगी और साक्ष्य इकट्ठा किए जाएंगे.  एडीजी भानु भास्कर ने ड्यूटी पर तैनात जिला अस्पताल के सरकारी डॉक्टर की भूमिका को लेकर भी बात की. दरअसल, परिजनों का कहना है कि जिस डॉक्टर की ड्यूटी देवराज जिला अस्पताल में थी, वह अचानक बीमार पड़ गया और उसकी जगह पर दूसरे डॉक्टर पवन को भेजा गया, जबकि देवराज अगले दिन काम पर आ गए, अगर वह बीमार थे तो काम पर कैसे आए. बता दें कि एक परिवार ने घर में हुई लूटपाट की शिकायत पुलिस से की. पुलिस ने आरोपियों के साथ भतीजे को भी हिरासत में ले लिया. परिवार ने पुलिस से कहा कि वह लूटपाट में शामिल नहीं है और छोड़ने की मांग की. युवक को छोड़ा तो नहीं गया लेकिन उसके मौत की खबर जरूर आ गई. परिवार ने पुलिस पर हिरासत में उसे प्रताड़ित करने का आरोप लगाया था.


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