UP News: कानपुर में बजरंग दल और VHP समेत कई संगठनों के सदस्यों पर FIR दर्ज, जानिए वजह
Crime News: कानपुर देहात (Kanpur Dehat) के अकबरपुर थाने (Akbarpur Thana) के प्रभारी सतीश कुमार सिंह ने बताया कि घटना की जानकारी तहसीलदार रणविजय सिंह द्वारा दी गई.
Kanpur News: कानपुर देहात के अकबरपुर क्षेत्र में एक निर्माणाधीन भवन की दीवार को गिराने और वहां हंगामा करने को लेकर पुलिस ने बजरंग दल (Bajrang Dal) और विश्व हिंदू परिषद (VHP) सहित कई हिंदुवादी संगठनों के सदस्यों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज किया है.
अकबरपुर थाने के प्रभारी सतीश कुमार सिंह ने सोमवार को बताया कि शनिवार को तहसीलदार रणविजय सिंह द्वारा दी गई तहरीर के आधार पर 70-80 अज्ञात लोगों के अलावा बजरंग दल के जिला संयोजक (कानपुर देहात) गौरव शुक्ला सहित 13 लोगों को नामजद करते हुए मामला दर्ज किया गया है. उन्होंने बताया कि मामले की जांच जारी है लेकिन अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है.
क्या लगाया आरोप?
थाने के प्रभारी ने बताया कि तहरीर में आरोप लगाया गया है कि प्रदर्शनकारियों ने फर्नीचर और अन्य बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचाने के अलावा अस्थायी टिन-शेड और एक नवनिर्मित दीवार को गिरा दिया. उन्होंने बताया कि तहरीर में आरोपियों पर तहसीलदार रणविजय सिंह और मौके पर मौजूद अन्य सरकारी अधिकारियों के साथ दुर्व्यवहार करने का आरोप भी लगाया गया है.
एक अधिकारी ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने परिसर में भगवा झंडे लगा दिए और दीवारों पर 'जय श्री राम' लिख दिया. बलवाइयों ने कथित तौर पर सीसीटीवी कैमरे और परिसर के अंदर स्थापित एक मूर्ति को भी क्षतिग्रस्त कर दिया. बजरंग दल के 'प्रांत संयोजक' अजीत राज ने बताया कि कानपुर विकास प्राधिकरण (केडीए) और जिला प्रशासन की अनुमति के बिना एक मिशनरी स्कूल के पास एक चर्च बनाया जा रहा था.
किया विरोध प्रदर्शन
अजीत राज ने कहा, 'हमने इसके खिलाफ शिकायत की और चर्च को ध्वस्त करने की मांग की है. लेकिन ऐसा नहीं हुआ.’’ उन्होंने कहा कि चूंकि प्रशासन ने कुछ नहीं किया, इसलिए बजरंग दल और अन्य संगठनों के सदस्यों ने शनिवार को निर्माणाधीन चर्च पर विरोध प्रदर्शन किया.
केडीए के विशेष कर्तव्य अधिकारी (ओएसडी) अवनीश कुमार सिंह ने भी पूर्वानुमति के बगैर और नक्शा मंजूर कराए बिना पिछले कई महीनों से अवैध रूप से निर्माण करने के लिए संजय जोसेफ नामक व्यक्ति के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी है. सिंह ने बताया, ‘‘पिछले कई महीनों से बन रहे ढांचे को 16 जून को सील कर दिया गया था. अधिकारियों ने जांच में पाया था कि नक्शे की मंजूरी के बिना निर्माण कार्य किया जा रहा था.'