Kanpur Dehat News: जमीन हथियाना और जबरन कब्जा करने पर अब सरकार सख्त है और भू माफियाओं के लिए यूपी सरकार का बुलडोजर भी हमेशा तैयार रहता है और अब बाबा के बुलडोजर और सख्त कार्यवाही से माफिया कांपते नजर आ रहे हैं लेकिन कानपुर देहात से एक हजार करोड़ की जमीन को कब्जाने का हैरान करने वाला मामला सामने आया है जिसने हर किसी को हैरत में डाल दिया है.


अधिकारियों की आंख के नीचे से कागज निकाल लिया गया और उन्हें पता भी नही चला और इस राज को खुलने में 50 साल लग गए, दो अक्षरों के खेल ने करोड़ों की जमीन के वारे न्यारे कर दिए. भू-माफियाओं ने आवंटन पत्रावली में हेर फेर कर ऐसा चक्कर चलाया कि एक झटके में उन्होंने एक हजार करोड़ की कीमत वाली जमीन अपने कब्जे में कर ली और किसी को भनक भी नही लगी.


दरअसल सन 1975 में अक्टूबर और नवंबर के महीने में दो फाइल सरकारी भूमि के आवंटन के लिए तैयार की गई जिसमे 40.6362 और 70.040 हेक्टेयर भूमि को  176 लोगों में आवंटन किया जाना था जिसको लेकर फाइल बनी और फिर प्रशासनिक कार्यवाही के दौरान इसे तहसील पहुंचाया गया. जहां इसे उस समय तैनात अकबरपुर तहसील के तहसीलदार आर ए गुप्ता ने किसी कारण वश स्वीकृति नहीं दी और एसडीएम ने भी अपने तहसीलदार की रिपोर्ट के अनुसान उस फाइल पर कोई भी आदेश न देते हुए तहसीलदार की रिपोर्ट को न्यायोचित मानकर पत्रावली पर अपनी सहमति जाहिर की.


भू माफियाओं ने ऐसे किया खेल 
इस फाइल पर एसडीएम ने " कृत यथा प्रस्तावित लिख दिया और प्रस्ताव पास नही किया गया जिसके बाद जालसाजों ने पत्रावली में अपना शैतानी दिमाग लगाया और समय बीतने और तहसीलदार और एसडीएम के चले जाने के बाद विभागीय मिलीभगत से पत्रावली में लगाई गई रिपोर्ट के शब्दों में बदलाव खुद ही कर दिया और जाएं एसडीएम ने " यथा कृत प्रस्तावित " लिखा था. वहां जालसाजों ने दो अक्षरों को इस आदेश पर जोड़कर करोड़ों का हेर फेर कर दिया.


मामले में क्या बोलें अधिकारी? 
दरअसल भू माफियाओं ने " स्वी" अक्षर को इस कृत यथा प्रस्तावित के आगे स्वीं को जोड़ दिया जिससे ये आदेश स्वीकृत यथा प्रस्तावित में तब्दील हो गया और लगभग एक हजार करोड़ की जमीन रेवन्यू रिकॉर्ड में जोड़ दिया गया और इस तरह से जमीन बेची जा रही हैं जिसका खुलासा 50 साल बाद हुआ. जिसमे पता चला की अकबरपुर के कुंभी गांव का है जहा हाइवे के किनारे की जमीन का स्वामित्व बदल दिया गया. हालाकि इस मामले में एक खरीदार ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी है. जिसका अब जांच शुरू हो गई है और 116 हेक्टेयर जमीन का फर्जी आवंटन कराया गया है. वहीं इस मामले में जिलाधिकारी आलोक सिंह ने सख्त आदेश अकबरपुर एसडीएम को दे दिए है और कहा है कि इस प्रकरण में अर्से पहले हुए फर्जीवाड़े कि निष्पक्ष जांच कराई जाएगी. साथ ही जमीन को कब्जामुक्त कराया जाएगा.


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