UP News: कानपुर देहात की पुलिस ने ड्यूटी निभाते हुए मानवता की मिसाल पेश की है. गरीब बाप की परेशानी को खाकी ने खुशियों में बदल दिया. पुलिस और प्रशासन की टीम ठंड रात में सड़क किनारे रह रहे गरीबों को कंबल बांटने निकली थी. रास्ते में एक परिवार की कहानी सुनकर पुलिसवाले भी भावुक हो गए. सड़क किनारे रह रहे दशरथ नामक शख्स की बेटी की बारात औरैया जिले से आनेवाली थी. बेटी की शादी के लिए परिवार सुबह से शाम तक मेहनत मजदूरी करता था. कड़ी मशक्कत के बावजूद बेटी की शादी का इंतजाम नहीं हो सका. गरीब दशरथ की इज्जत दांव पर थी. दहेज और बारात का इंतजाम नहीं होने की वजह से परिवार चिंता में डूबा हुआ था.


गरीब की आपबीती सुनकर भावुक हुई खाकी


देर रात कंबल बांट रहे अधिकारियों की नजर गरीब परिवार पर पड़ी. उन्होंने परिवार को कंबल देने के लिए झोपड़ी में दस्तक दी. दशरथ ने आपबीती पुलिस और प्रशासन की टीम को सुनाई. मौके पर अधिकारी आपबीती सुनकर भावुक हो गए. अधिकारियों को पता चला कि बारात आनेवाली है और गरीब की झोपड़ी में बारातियों का इंतजाम नहीं है. ऐसे में अधिकारियों ने चंदा से गरीब की बेटी की शादी करने का फैसला किया. टेंटवाले को कानपुर झांसी हाईवे किनारे टेंट लगाने का निर्देश दिया गया. अधिकारियों ने आपस में चंदा कर रकम का इंतजाम किया.


पुलिसवालों ने चंदा कर कराई बेटी की शादी


चंदे की रकम से दहेज का सामान, उपहार, दुल्हन के जोड़े, अलमारी, बेड, कुर्सी, रजाई और गद्दे की खरीदारी की गई. पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने फौरन बारात के लिए जरुरी सामान का इंतजाम कर दिया. दूल्हा खुशी-खुशी दुल्हन को विदा कर ले गया. दशरथ की पत्नी ने बताया कि बेटी की बारात आने वाली थी. शादी के लिए इंतजाम कुछ भी नहीं हुआ. ऐसे में कंबल बांटने झोपड़ी में पहुंचे पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों को आपबीती बताई. अधिकारियों ने तत्काल प्रभाव से बेटी की शादी में बड़ा योगदान दिया. परिवार ने अधिकारियों का शुक्रिया अदा किया है.




उन्होंने कहा कि बेटी की शादी यादगार बन गई है. दशरथ की पत्नी ने बताया कि भोगनीपुर क्षेत्राधिकारी रविकांत गौड़ और एसडीएम ने मिलकर बारात की व्यवस्था कर दी. अनोखी शादी का वीडियो वायरल होने के बाद मामला आम से खास हो गया. क्षेत्राधिकारी भोगनीपुर रविकांत गौड़ ने बताया कि देर रात एसडीएम के साथ गरीबों में कंबल वितरण का कार्यक्रम चल रहा था.


उनकी नजर झोपड़ी में रह रहे गरीब परिवार पर पड़ी. अंदर जाने पर पता चला कि बेटी की शादी है और इंतजाम कुछ भी नहीं है. इसलिए आपसी सहयोग से लाखों का सामान दशरथ की बेटी को दिया. उन्होंने लोगों से गरीबों की मदद के लिए आगे बढ़ने की भी अपील की. उन्होंने कहा कि शादी का श्रेय लेना नहीं चाहते. संदेश देना है कि परेशान और जरूरतमंद लोगों की मदद की जाए. 


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