Kanpur Dehat: उत्तर प्रदेश पुलिस बेहतर और दुरुस्त कानून व्यवस्था बनाए रखने का दम भर रही है साथ ही साथ अपराधियों पर भी कानूनी नकेल कसने की तमाम तस्वीरें भी सामने आ रही हैं. इस बीच कानपुर देहात की एक्टिव और मुस्तैद पुलिस ने ऐसा कारनामा कर दिया है जिससे कानपुर देहात पुलिस सुर्खियों में है. मामला पुलिसिया कार्रवाई का है जिसमें कानपुर देहात पुलिस ने हाई स्कूल के नाबालिग छात्र को मिनी गुंडा एक्ट की गंभीर धारा का मुजरिम बना दिया है.
छात्रा ने पुलिस पर लगाया था आरोप
मामला 3 अप्रैल 2022 का है जब एक दबंग युवक की छेड़खानी से त्रस्त होकर एक छात्रा ने जहर खा लिया था और पुलिसिया लापरवाही के आरोप के चलते छात्रा ने अपनी जान देने का कदम उठाया था. इसमें आरोप राजपुर थाना इंचार्ज कपिल दुबे पर लगाया गया था. राजपुर थाने की पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए छात्रा ने जहर खाया था. कानपुर देहात पुलिस के आला अधिकारी इस बात को नकारते नजर आए थे.
नाबालिग को गंभीर अपराधी बना दिया
एक बार फिर से थाना भी वही है और थाना इंचार्ज कपिल दुबे भी वही हैं लेकिन आरोप और कहानी थोड़ी सी बदली हुई है. दरअसल जिस छात्रा ने पुलिस की लापरवाही और दबंग की छेड़खानी के चलते जहर खाया था पुलिस ने कुछ महीने पहले ही उसी छात्रा के नाबालिग भाई को बड़ा अपराधी बना दिया. छात्रा के जहर खाने से पहले छात्रा के परिवार और दबंग रामू के बीच विवाद हुआ था जिसके चलते पुलिस ने कार्रवाई की थी और बिना जांच पड़ताल किए ही ताबड़तोड़ मुकदमों में दोनों पक्षों पर नामजद रिपोर्ट कायम कर दी थी.
मिनी गुंडा एक्ट के तहत आरोपी बनाया
पुलिसिया कार्रवाई और पुलिस की मुस्तैदी दिखाने के चक्कर में एक बार फिर से कानपुर देहात पुलिस और राजपुर थाने के थाना इंचार्ज कपिल दुबे सवालों के घेरे में हैं. इस बार पूरे महकमे की लापरवाह कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं. कपिल दुबे ने जहर खाने वाली छात्रा के नाबालिग भाई को मिनी गुंडा एक्ट के तहत आरोपी बना दिया और मुकदमा दर्ज कर दिया. इस बात की शिकायत जब पीड़ित परिवार के सदस्य और नाबालिग के पिता ने पुलिस से की तो पुलिस के होश फाख्ता हो गए. अधिकारियों की घंटी बज गई क्योंकि इस बार कानूनी दांव पेज में कोई और नहीं बल्कि खुद कानपुर देहात पुलिस फंसती नजर आ रही थी.
पुलिस पल्ला झाड़ रही
अब पुलिस मुस्तैदी की ऐसी तस्वीर सामने निकल कर आईं कि आला अधिकारी दिन में तारे देखने लगे और आनन-फानन में पुलिस बयानबाजी करने लगी. पुलिस मीडिया के सवालों से भी कतराती भी नजर आई. पुलिस ने मीडिया से मुखातिब ना होकर मोबाइल से वीडियो बनाकर इस पूरे मामले का ब्यौरा दे डाला और मीडिया के सामने वीडियो रख दिया. इससे भी पुलिस की मुस्तैदी की ही बात नजर आ रही है कि अपने मन से जो मन चाहा वह कह दिया ना कोई आरोप-प्रत्यारोप, ना कोई सवाल बस अपनी बात कहकर पल्ला झाड़ लेना पुलिस का तरीका भी दिखाई दे रहा है.
पुलिस ने वीडियो में क्या कहा
पुलिस ने सिकंदरा क्षेत्राधिकारी रविकांत को इस वीडियो के लिए आगे कर दिया और रविकांत ने अपने मोबाइल पर अपनी ही बाइट बिना सवाल के दे डाली और कहा कि इस तरीके का एक मामला संज्ञान में आया है जिसमें पुलिस ने एक नाबालिग के खिलाफ मिनी गुंडा एक्ट की कार्रवाई की है. इस मामले की जांच कराई जा रही है उसके बाद ही कोई रिपोर्ट अधिकारियों के समक्ष पेश की जाएगी.
इतना कहकर उन्होंने अपना पल्ला झाड़ लिया. यह मामला गंभीर है और इसमें कई सवाल हैं. कानून का राज कायम कराने वाली पुलिस अपनी कार्यशैली से भले ही अपनी पीठ थपथपाती नजर आ रही हो लेकिन कानपुर देहात पुलिस की ऐसी कार्रवाई ने पुलिस की समझदारी और कार्यप्रणाली पर तमाम सवाल खड़े कर दिए हैं.