कानपुर देहात में मुकाबला सपा के राम सिंह यादव और बीजेपी समर्थित निर्दलीय नीरज रानी के बीच है. वहीं सपा के राम सिंह यादव की बात करे तो वह  निवर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष हैं. सपा ने राम सिंह यादव पर भरोसा जताया है और सपा को अपनी जीत का भी पूरा भरोसा है.


निर्दलयी उम्मीदवार नीरज रानी हैं


वहीं निर्दलीय उम्मीदवार नीरज रानी की बात करे तो वह बीजेपी सांसद देवेंद्र सिंह भोले के भाई की पत्नी हैं. उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर नामांकन भरा है. नीरज रानी को भाजपा के कई नेताओं का समर्थन हैं. 


सपा और बीजेपी के बीच है असल लड़ाई


मतलब कानपुर देहात में लड़ाई भले ही सपा और निर्दलीय उम्मीदवार के बीच हो लेकिन ये लड़ाई असल में सपा और बीजेपी के बीच ही है. लेकिन इस लड़ाई से पहले कानपुर देहात का गणित समझना बहुत जरूरी है.


कानपुर देहात का गणित



  • कानपुर देहात

  • कुल सदस्य- 32

  • जीत के लिए- 17

  • बीजेपी- 04

  • एसपी- 11

  • बीएसपी- 06

  • निर्दलीय-11


कानपुर देहात के पंचायत सदस्यों का गणित बताता है कि यहां किसी भी दल के पास बहुमत नहीं है. ऐसे में जीत हार का फैसला निर्दलीय के हाथ में हैं.


बता दें, उत्तर प्रदेश के 22 जिलों में जिला पंचायत अध्यक्ष निर्विरोध निर्वाचित घोषित किए गए जिनमें इटावा जिले को छोड़कर 21 निर्वाचित अध्यक्ष सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के हैं. इटावा में समाजवादी पार्टी को जीत मिली है. राज्य निर्वाचन आयुक्त मनोज कुमार ने मंगलवार को बताया था कि प्रदेश के 22 जिलों- सहारनपुर, बहराइच, इटावा, चित्रकूट, आगरा, गौतम बुद्ध नगर, मेरठ, गाजियाबाद, बुलंदशहर, अमरोहा, मुरादाबाद, ललितपुर, झांसी, बांदा, श्रावस्ती, बलरामपुर, गोंडा, गोरखपुर, मऊ, वाराणसी, पीलीभीत और शाहजहांपुर में जिला पंचायत के अध्यक्ष पद पर निर्विरोध निर्वाचन हुआ है.


ये भी पढ़ें-
अखिलेश यादव से मिले AAP सांसद संजय सिंह, यूपी में सियासी हलचल तेज


ओम प्रकाश राजभर बोले- असदुद्दीन ओवैसी बन सकते हैं यूपी के मुख्यमंत्री, करना होगा ये काम