Ramlala Pran Pratishtha: अयोध्या में राम मंदिर निर्माण और प्राण प्रतिष्ठा को लेकर रामभक्तों में ख़ासा उत्साह देखने को मिल रहे हैं. हर कोई राममय दिखाई दे रहा है. इसी कड़ी में कानपुर के हृदय रोग संस्थान कार्डियोलॉजी में अब डॉक्टरों की अनोखी पहल शुरू की है. जो डॉक्टर अब तक मरीज़ों के पर्चे पर आरएक्स लिखकर दवाइयाँ देते थे अब उन पर्चों पर भगवान राम का नाम लिखा जा रहा है. इस अस्पताल के डॉक्टर मरीज़ के पर्चे राम लिखकर दवाई दे रहे हैं.
उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े हृदय रोग अस्पताल कानपुर के कार्डियोलॉजी में कार्डिक सर्जन नीरज कुमार ने ये अनोखी पहल की है. नीरज कुमार ने बरसों पुराने चलन और परंपरा बनाकर चले आ रहे डॉक्टर के पर्चे पर आरएक्स लिखे हुए शब्द को हटाकर अब राम नाम शब्द लिखना शुरू कर दिया है. वो मरीज़ों को अपने पर्चे पर आरएक्स की जगह राम नाम से दवाई लिखने की शुरुआत करते हैं.
जानें- आरएक्स का मतलब
दरअसल डॉक्टरों के पर्चे पर आरएक्स का इस्तेमाल लंबे समय से चलता आ रहा है. आरएक्स का मतलब होता है लेना. इसका मतलब है डॉक्टर आपको दवाई लेने को कह रहे हैं. इसके अलावा इसका एक अर्थ और होता है, ये अर्थ इजिप्ट से जुड़ा है. यहाँ के डॉक्टरों काफ़ी ऊँचा ओहदा दिया गया है. इजिप्ट में होरा देवता को लोग पूजते हैं. होरस देवता की आँखें Rx की तरह होती हैं, जिन्हें स्वास्थ्य का प्रतीक माना जाता है. यहीं से इस शब्द का इस्तेमाल दुनियाभर में होता है. कहते हैं कि जब इजिप्ट में कोई बीमार पड़ता है तो यहां के लोग अपने भगवान को याद कर घरों पर आरएक्स की आकृति भी बना लेते थे.
आरएक्स की जगह राम क्यों?
अस्पताल के पर्चे पर आरएक्स की जगह राम लिखने के पीछे यहां के डॉक्टर का कहना है कि हम उस देश के भगवान और देवता को आरएक्स रूप में अपने देश में अंकित करते थे तो क्यों न हम अपने आराध्य प्रभु रामका नाम पर्ची पर लिखें और इस नाम को आकार देने में हमने नए रिसर्च किए हैं.
राम नाम में क्या है अनोखा
डॉक्टर नीरज कुमार ने कहा, आरएक्स की जगह पर भगवान राम के नाम को लिखने में कई योजनाएं बनाई और इस नाम को चयन करने के लिए प्रभु श्री राम के कई अंशो का सहारा भी लिया जैसे की परिचय पर लिखे राम नाम में और शब्द को उनकी आंखों से जोड़ा गया है क्योंकि उनका मानना है कि प्रभु राम की आंखें कमल नयन थी इस नाम में भगवान श्री राम के धनुष की आकृति को भी अंकित किया गया है. साथ ही साथ उनके धनुष के तीर को भी इस राम नाम में अंकित कर डिजाइन किया गया है.
डॉक्टर नीरज ने कहा, जब राम नाम के पत्थर को पानी में डालने पर तैराया जा सकता है, तो उनका नाम पढ़ने-लिखने और देखने से हमें शक्ति मिलती है और ईश्वर हमारे स्वास्थ्य को बेहतर करने में मदद करते हैं.