लखनऊ: कानपुर एनकाउंटर केस में बड़ी कामयाबी मिली है. कानपुर के चौबेपुर थाना के पूर्व एसओ विनय तिवारी को गिरफ्तार कर लिया गया है. विनय तिवारी के साथ ही बीट इंचार्ज केके शर्मा को भी गिरफ्त में ले लिया गया है. ये दोनों कानपूर एनकाउंटर के वक्त वहां मौजूद थे लेकिन एन मौके पर घटना स्थल से भाग गए थे. दोनों के गिरफ्तारी की जानकारी कानपूर के आईजी मोहित अग्रवाल ने दी है.


कानपुर पुलिस ने चौबेपुर थाने के पूर्व प्रभारी विनय तिवारी और बिकरू इलाके के बीट प्रभारी (हल्का इंचार्ज) के.के. शर्मा को मुठभेड़ से पहले की सूचना बदमाशों को लीक करने के आरोप में बुधवार को गिरफ्तार किया है।


पुलिस महानिरीक्षक मोहित अग्रवाल ने बुधवार को बताया कि तिवारी और शर्मा पर आरोप है कि दोनों ने मुठभेड़ से पहले ही सूचनाएं हिस्ट्रीशीटर बदमाश विकास दुबे को लीक की हैं. दोनों पहले से निलंबित हैं. पुलिस और विकास दुबे के साथ हुई कथित मुठभेड़ के बाद से ही संदेह के दायरे में आए तिवारी से पुलिस और एसटीएफ की टीम ने गहन पूछताछ की थी. उसके बाद तिवारी और शर्मा को निलंबित कर दिया गया था.


मंगलवार रात चौबेपुर थाने में तैनात सभी 68 पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया गया. पुलिस के एक प्रवक्ता ने मंगलवार को कहा था कि चौबेपुर थाने में तैनात सब इंस्पेक्टर, हेड कांस्टेबल और कांस्टेबल समेत 68 पुलिसकर्मियों की कर्तव्यनिष्ठा पर संदेश के आरोप में उन्हें लाइन हाजिर किया गया है.


गौरतलब है कि गुरुवार देर रात कानपुर के चौबेपुर थाना क्षेत्र के गांव बिकरू निवासी दुर्दांत अपराधी विकास दुबे को उसके गांव पकडऩे पहुंची पुलिस टीम पर हमला कर दिया गया था जिसमें एक क्षेत्राधिकारी, एक थानाध्यक्ष समेत आठ पुलिसकर्मी मारे गये. मुठभेड़ में पांच पुलिसकर्मी, एक होमगार्ड और एक अन्य व्यक्ति घायल भी हुआ है.


अधिकारियों से साठ-गांठ कर बना था एसओ


विनय तिवारी लगभग एक साल पहले चंदौली से कानपुर आया था और यहां पर स्वाट टीम में था. जिसके बाद इसे पहला चार्ज चौबेपुर का मिला. विनय तिवारी कानपुर में कहीं चौकी इंचार्ज तक नहीं रहा, लेकिन अधिकारियों की साठ-गांठ से पहला चार्ज चौबेपुर का मिला. यही नहीं विनय तिवारी इकलौता ऐसा दरोगा है, जो सबसे ज्यादा समय तक चौबेपुर में तैनात रहा. इसके पीछ विकास दुबे का ही हाथ माना जाता है. विकास का खास होने के कारण ही ये इतने दिन से चार्ज पर था और शिकायत के बाद भी नहीं हटाया गया.


सूत्र बताते हैं कि शिकायतकर्ता राहुल तिवारी ने अपने साथ हुई मारपीट की शिकायत की तो एसओ विनय तिवारी विकास दुबे के घर पर समझौता कराने के लिये राहुल को लेकर पहुंच गया. जहां पर विकास ने विनय के सामने राहुल को मारा और जबरन समझौता करवा दिया था. जिसके बाद राहुल ने ये बात आलाधिकारियों को बताई तब मुकदमा दर्ज हुआ.