उत्तर प्रदेश में आवारा पशुओं का उत्पात थमने का नाम नहीं ले रहा है. कानपुर देहात (Kanpur Dehat) में आवारा पशुओं के उत्पात से गुस्साए किसानों ने 100 से ज्यादा अन्ना मवेशियों को पकड़ कर कानपुर देहात के पोस्टमार्टम हाउस (Post-mortem House) में जबरन कैद कर दिया और गेट को बंद कर दिया. इस दौरान किसानों (Farmers Protest) ने यहां पर जमकर हंगामा किया. जिसकी वजह से पोस्टमार्टम हाउस की प्रक्रिया भी घंटों तक प्रभावित रही. मवेशी घंटों तक पोस्टमार्टम हाउस में यहां से वहां दौड़ते हुए नजर आए. 



फसलों की बर्बादी और अन्ना मवेशियों के उत्पात से जहां पूरे प्रदेश में किसान परेशान चल रहा है तो वही कानपुर देहात में भी एक ऐसी तस्वीर देखने को मिली जिसने प्रशासनिक अधिकारियों की कार्यशैली और मवेशियों के रखरखाव की प्रक्रिया पर सवाल खड़े कर दिए हैं.


पोस्टमार्टम हाउस में कैद किए अन्ना पशु


हुआ ये कि सोमवार रात को अन्ना मवेशियों बड़े झुंड किसानों की फसलों को बुरी तरह बर्बाद कर दिया, जिसके बाद किसानों को गुस्सा इन पर फूट पड़ा. कानपुर देहात के अकबरपुर तहसील के अंतर्गत कई गांव के किसानों ने फसल बर्बादी कर रहे मवेशियों को इकट्ठा किया और उन्हें लाकर सैकड़ों की तादाद में कानपुर देहात के अकबरपुर क्षेत्र में बने पोस्टमार्टम हाउस में कैद कर दिया. पोस्टमार्टम हाउस में किसानों द्वारा भरे गए अन्ना मवेशियों से पोस्टमार्टम हाउस का कार्य बाधित हो गया और पोस्टमार्टम हाउस में काम कर रहे सभी कर्मचारी पोस्टमार्टम हाउस छोड़कर बाहर खड़े हो गए. 


किसानों की फसलों को नुकसान


किसानों का कहना है कि अन्ना पशुओं की वजह से उनकी फसलों को बहुत ज्यादा नुकसान हो रहा है. उनकी आर्थिक हालत खराब हो गई है. प्रशासनिक अधिकारियों और तमाम नेताओं से शिकायत करने के बावजूद अन्ना मवेशियों की समस्या का कोई समाधान नहीं निकल पा रहा है. उनकी समस्या न तो क्षेत्र पंचायत के लोग सुनते हैं और ना ही प्रशासनिक अधिकारी. ऐसे में उनके सामने कोई और रास्ता नहीं बचा है और वो इन मवेशियों को पोस्टमार्टम हाउस में कैद कर रहे हैं. 


किसानों ने कहा कि मुख्यमंत्री जी का कहना है अन्ना मवेशियों को किसी सुरक्षित स्थान पर कैद कर दिया जाए या रख दिया जाए. उसी आदेश को मान के किसानों ने अपनी समस्या के समाधान के लिए अन्ना मवेशियों को पोस्टमार्टम हाउस में कैद करना बेहतर समझा. 


पोस्टमार्टम हाउस का काम प्रभावित


पोस्टमार्टम हाउस में कार्यरत फार्मेसिस्ट संतोष कुमार ने बताया कि जिस वक्त वह काम कर रहे थे उसी वक्त सैकड़ों की तादाद में किसानों ने 100 से अधिक अन्ना मवेशियों का झुंड लाकर पोस्टमार्टम हाउस के अंदर कैद कर दिया और बाहर से गेट बंद कर दिया जिसके बाद पोस्टमार्टम में कार्य करना मुश्किल हो गया और कार्य बाधित हुआ और कर्मचारी बाहर निकल आए. उन्होंने कहा कि किसानों की परेशानी वाजिब है लेकिन उनका तरीका गलत है. 

इस बारे में जब एबीपी गंगा ने अधिशासी अभियंता से बात की तो उन्होंने कहा कि इन मवेशियों के लिए एक अस्थाई गौशाला में व्यवस्था की गई है. नगर पंचायत की सहायता से पोस्टमार्टम हाउस में कैद अन्ना मवेशियों को अस्थाई गौशाला में स्थानांतरित करने की व्यवस्था की जा रही है. 


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