Kanpur News: कानपुर (Kanpur) में उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े रेडीमेड मार्केट बांसमंडी इलाके में हुए अग्निकांड को एक हफ्ता हो गया है. जिलाधिकारी कानपुर नगर के द्वारा विशेषज्ञों द्वारा टेक्निकल रिपोर्ट बनवाई जा रही है लेकिन सूत्रों की मानें तो कानपुर विकास प्राधिकरण द्वारा अब तक इमारतों का नक्शा ना दिए जाने के चलते इस पर कोई निर्णय नहीं हो पा रहा है. वहीं अग्निकांड में बर्बाद हो चुके कारोबारी जिला प्रशासन और सरकार से जल्द से जल्द राहत की उम्मीद लगाए बैठे हैं और कह रहे हैं कि उन्हें जल्द राहत दी जानी चाहिए.


कानपुर के कोपरगंज इलाके में हमराज कॉम्प्लेक्स नफीस टावर मसूद कॉम्प्लेक्स एआर टावर समेत पांच इमारतों में हुए भीषण अग्निकांड में करोड़ों रुपए का नुकसान कारोबारियों को झेलना पड़ा है. एक हफ्ते बाद भी आश्वासन और भरोसे के बाद किसी तरह का कोई मुआवजा अब तक कारोबारियों को नहीं दिया जा सका है. इस बीच कानपुर जिला प्रशासन ने एक टेक्निकल कमेटी जरूर गठित की है, जिसकी रिपोर्ट पर इन पांचो टावर का भविष्य निर्धारित होगा. बुरी तरह बदहाल हो चुके पांचों टावर की 600 से ज्यादा दुकानों का भविष्य विशेषज्ञों की रिपोर्ट पर निर्भर होगा. 


सभी को तकनीकी रिपोर्ट का है इंतजार
विशेषज्ञ बता रहे हैं कि अब इन इमारतों में मौजूद दुकानों से कारोबार नहीं किया जा सकता क्योंकि भीषण अग्निकांड के बाद यह बुरी तरह जर्जर बदरंग और बदहाल हो चुकी हैं. आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर इस तकनीकी समिति की अध्यक्षता कर रहे हैं और रिपोर्ट जल्दी सामने आ सकती है जिसका इंतजार जिलाधिकारी विशाख जी अय्यर को भी है. यह इंतजार जिला प्रशासन को है तो वहीं कारोबारियों और पीड़ितों को भी है, क्योंकि इसके बाद इमारतों को गिराया जाना है या नहीं और किस तरह पीड़ितों को राहत का मरहम लगाया जाना है यह निर्भर करेगा. 


अभी तक नहीं है स्थिति साफ
कानपुर विकास प्राधिकरण की तरफ से इन इमारतों के नक्शे अभी तक नहीं उपलब्ध कराए गए हैं. ऐसा कहा जा रहा है कि करीब 35 साल पूर्व बनी इन इमारतों के नक्शे नहीं हैं. ऐसे में टेक्निकल रिपोर्ट को लेकर लेट लतीफी होती दिख रही है, लेकिन व्यापारी जल्द से जल्द राहत देने की गुजारिश सरकार और जिला प्रशासन से कर रहे हैं. हमराज समेत पांचों टॉवर गिरेंगे या नहीं अभी स्थिति साफ नहीं हो सकी है.


जिला अधिकारी का कहना है कि अभी केडीए में नक्शा तलाशा जा रहा है, इसी वजह से ढांचागत टेक्निकल रिपोर्ट फंसी हुई है. दूसरी ओर कानपुर विकास प्राधिकरण के सूत्रों के मुताबिक इमारतें करीब 35 साल पहले बनी है और नक्शा तलाशना इतना आसान नहीं है लेकिन इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं. हमराज कॉन्प्लेक्स समेत सभी टावर पूरी तरह से आग की चपेट में आ चुके हैं. हमराज, AR टावर और मसूर कॉम्प्लेक्स जर्जर स्थिति में पहुंच चुके हैं, इन्हें गिराया जा सकता है लेकिन अब तक इसका निर्णय नहीं लिया जा सका है.


यह भी पढ़ें:-


Bageshwar Dham: धीरेंद्र शास्त्री के समर्थन में आईं साध्वी प्राची ने कहा- 'साईं नहीं हैं भगवान, वह थे चांद...'