Kanpur Fire: फायर स्टेशन में पड़े-पड़े सड़ गईं दमकल की हाईटेक गाड़ियां, वरना बड़े नुकसान से बच सकता था कानपुर
Kanpur: उत्तर प्रदेश के कानपुर में आग लगने की घटना में करोड़ों का नुकसान हुआ है और नुकसान के पीछे प्रशासनिक लापरवाही भी बताई जा रही है जिसने दमकल की गाड़ियों का रखरखाव नहीं किया.
Kanpur Fire News: कानपुर (Kanpur) के बासमंडी इलाके में कमर्शल कॉम्प्लेक्स में लगी आग में कई दुकानें जलकर खाक हो गईं और एक अनुमान के मुताबिक इसमें 150 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. हमराज कॉन्प्लेक्स (Hamraj Complex) समेत पांच इमारतों में भीषण आग लगने की घटना में राहत बचाव के दौरान हाईटेक हाइड्रोलिक लैडर यानी सीढ़ी वाली दमकल गाड़ी की कमी सबसे ज्यादा खली. इसे लखनऊ से बुलाना पड़ गया है.
बताया जाता है कि विदेश से लाई गई ऐसी दो गाड़ियां कानपुर में मौजूद हैं लेकिन प्रशासन की लापरवाही से यह खड़े-खड़े कंडम हो चुकी है. देखरेख के अभाव में इटली और जापान की दमकल का इस्तेमाल नहीं किया जा सका. अग्निशमन विभाग ने 16 जनवरी 2015 को इसे हाइड्रोलिक प्लेटफार्म वाली हाईटेक दमकल सात करोड़ रुपए में मंगाई थी. इसे फजलगंज फायर स्टेशन में तैनात किया गया था. इस गाड़ी में पानी भर कर ले जाने की सुविधा नहीं है. बल्कि होज पाइप से जोड़कर इससे बहुमंजिला इमारतों की आग बुझाई जा सकती है.
इन गाड़ियों का होता इस्तेमाल तो नहीं देखना पड़ता इतना नुकसान
सबसे खास बात यह है कि हाइड्रोलिक प्लेटफार्म होने से इसकी सीढ़ी बूम की मदद से 135 फुट तक जाकर आग बुझाने और फंसे लोगों को निकालने के लिए काम आती है लेकिन जब से गाड़ी आई है उसकी सर्विसिंग ही नहीं हुई. ऐसे में तो सीढ़ी खुलती नहीं और खुल जाती है तो बंद नहीं होती. जापान सरकार ने 9 फरवरी 1992 को ऑटोमेटिक टर्न टेबल उपहार में दी थी. जो खड़े-खड़े कंडम हो चुकी है. यह गाड़ी भी 135 फुट की ऊंचाई तक आग बुझाने और फंसे लोगों को निकालने में मदद करती है. लेकिन मरम्मत ना हो पाने से खड़ी है. इसकी नीलामी के लिए कई बार मुख्यालय चिट्ठी भेजी भी जा चुकी है. बता दें कि कानपुर में करीब 800 दुकानें आग की चपेट में आई हैं. यह आग शॉर्ट सर्किट के कारण लगी थी. वहीं मामले की जांच के लिए अपर जिलाधिकारी राजेश कुमार की अध्यक्षता में चार सदस्यीय समिति का गठन किया गया है.
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