Kanpur News: कानपुर अग्निकांड में एक हफ्ता बीत जाने के बाद जिला प्रशासन ने पीड़ित कारोबारियों, मजदूरों को सरकारी और गैर सरकारी मदद का एक मॉडल पेश कर उनको बड़ी राहत देने की पहल की है. ज़िला प्रशासन की तरफ से पीड़ितों के बच्चों की स्कूल फीस माफ करने, ओडीओपी योजना का लाभ बर्बाद हो चुके कारोबारियों को देने, बैंक से लोन कॉल अभी न किये जाने और इन्शयोरेंस कंपनी और जिला प्रशासन द्वारा खुद कॉल करके परेशान न होने के साथ जल्द से जल्द पैसा दिलाने की पहल होने जा रही है. 


इसी के साथ तमाम एनजीओ और आम कानपुरवासियों से भी बर्बाद हो चुके कारोबारियों के लिए फण्ड इकट्ठा किये जाने की योजना बनाई गई है. कानपुर में उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े रेडीमेड मार्केट में हुए भीषण अग्निकांड के बाद कारोबारी पूरी तरह बर्बाद हो चुके हैं. 500 से ज्यादा दुकानें और उनमें रखा माल जलकर खाक हो चुका है. करोड़ों रुपए के नुकसान के बाद एक बड़ी राहत की उम्मीद व्यापारियों और उनके यहां काम करने वाले कर्मचारी चाह रहे हैं. 


व्यापारियों की राहत को लेकर बनाया गया फुल प्रूफ प्लान
अग्निकांड को 8 दिन हो चुके हैं और आश्वासन के साथ कारोबारियों के हाथ में अभी कुछ आया नहीं है लेकिन इसी बीच कानपुर जिला प्रशासन ने एक साथ कई सरकारी और गैर सरकारी योजनाओं का लाभ देने का फुल प्रूफ प्लान तैयार किया है. कानपुर नगर के जिलाधिकारी विशाख जी अय्यर की माने तो यहां के व्यापारियों और कर्मचारियों के लिए राहत की एक बड़ी रणनीति पर काम शुरू हो गया है.


जिलाधिकारी विशाख जी अय्यर ने कहा कि जिला प्रशासन अग्निकांड पीड़ित व्यवसायियों को ऋण उपलब्ध कराने के लिए शिविर लगवाने जा रहा है ताकि व्यापारी दोबारा अपना रोजगार खड़ा कर सकें. जिलाधिकारी ने उपायुक्त उद्योग को इस संबंध में दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं. अग्निकांड से प्रभावित व्यापारियों को पुनर्स्थापित करने और उन्हें संसाधन उपलब्ध कराने के लिए कलेक्ट्रेट में विभिन्न बैंकों के प्रतिनिधियों औद्योगिक और व्यापारिक संगठनों के साथ बैठक की जा चुकी है. 


बच्चों की फीस 6 महीने से 1 साल करायी जाएगी माफ
जिलाधकारी की मानें तो पीड़ितों को उद्योग प्रोत्साहन और क्रेडिट सपोर्ट से जुड़ी सभी प्रकार की सरकारी योजनाओं से लाभान्वित किया जाएगा. इसके अलावा निर्देश दिए गए हैं कि एडीएम वित्त और उपायुक्त उद्योग व्यापारिक संगठनों के माध्यम से पीड़ित परिवारों के उद्योग के प्रकार के अनुसार डीपीआर तैयार करें और उन्हें सरकारी योजनाओं से ऋण उपलब्ध कराएं. इतना ही नहीं उपायुक्त उद्योग ओडीओपी योजना से व्यवसाय शुरू करने के लिए ऋण दिलाएंगे.


डीएम ने बीमा कंपनियों को निर्देश दिए हैं कि वह अपने डेटाबेस से परीक्षण कर लें कि अभी तक कितने अग्निकांड के पीड़ितों ने क्लेम नहीं किया है. बीमा कंपनियां स्वयं संयुक्त आयुक्त जीएसटी एडीएम और दो बीमा कंपनियों के प्रतिनिधियों की टीम से संपर्क कर दस्तावेज उठाएं. जिला प्रशासन के इन कदमों से पीड़ित व्यापारी वर्ग काफी खुश हैं. 


जिलाधिकारी विशाख जी अय्यर ने कहा कि औद्योगिक और व्यापारिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने भी मदद का आश्वासन दिया है. भारतीय उद्योग व्यापार मंडल बैंक के अधिकारियों और स्कूल संचालकों के साथ डीएम की बैठक काफी सकारात्मक दिखती है क्योंकि स्कूल संचालकों ने भी व्यापारियों और कर्मचारियों के बच्चों की फीस 6 महीने से 1 साल तक माफ करने की बात स्वीकार ली है.


इस प्लान के बाद व्यापारी काफी खुश नजर आ रहे हैं हालांकि व्यापारियों का इन सबके बीच ये भी कहना है कि जल्द से जल्द इन्हें व्यापार करने के लिए स्थान उपलब्ध कराया जाए जिससे रमजान के महीने में नुकसान की थोड़ी भरपाई कराई जा सके.


यह भी पढ़ें:-


Coronavirus Cases in UP: यूपी में साल 2023 में कोरोना वायरस से पहली मौत, 192 नए मामले आए सामने