Kanpur News: व्यंजनों को स्वादिष्ट और लजीज बनाने के लिए हम जिन मसालों का इस्तेमाल करते हैं, ये मसाले खाने योग्य नहीं हैं और हमारी आपकी सेहत को बिगाड़ रहे हैं. जांच में 16 नामी ब्रांड्स के मसालों के सैंपल फेल और अनसेफ पाए गए हैं. यूपी खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (FSDA) की रिपोर्ट्स के अनुसार कई कंपनियों के कई उत्पाद सेवन करने के लायक ही नहीं हैं .


ये चौंकाने वाली रिपोर्ट्स तब सामने आईं हैं जब FSDA के अधिकारियों ने साल 2024 के मई माह में शहर में चल रही मसालों की कंपनियों पर रेड की थी .16 कंपनियों के अलग-अलग मसालों के 35 उत्पादों के नमूने जमा कर जांच के लिए लैब भेजे गए थे जिनमें से से 23 की रिपोर्ट आई है. रिपोर्ट्स के अनुसार इन मसालों में कीड़ों के साथ साथ पेस्टीसाइड और कीटनाशक की मात्रा भी पाई गई है. 16 नमूनों में खतरनाक कीटनाशक और 7 उत्पादों में माइक्रो बैक्टीरिया भी पाए गए हैं. स्थानीय स्तर पर बिक्री किए जाने वाली 14 कंपनियों के उत्पादों के हल्दी पाउडर में भी पेस्टिसाइड्स पाया गया है.


जांच में फेल हुए नामी कंपनी के मसाले
दो नामी कंपनियों के उत्पादों में कमियां पाईं गई हैं जिनमे गरम मसाला, मटर पनीर मसाला, धनिया पाउडर में पाई गई कमी इतनी है कि ये सेवन लायक नहीं हैं. इसके अलावा एक नामी ब्रांड के मसाले के उत्पादों में कमियां सामने आईं हैं जिनमे मीट मसाला, सब्जी मसाला, बिरयानी मसाला जांच में  दूषित पाए गए हैं. अलग-अलग कंपनियों के 23 नमूनों में कीड़े, दूषित पदार्थ मिले हैं.


शासन के निर्देश के बाद विभाग ने रेड कर अलग अलग मसाले के उत्पादों के नमूने मई माह में लिए थे. अभियान में विभाग ने 13 मसाला फैक्ट्रियों पर रेड की थी. इस दौरान अलग अलग कंपनियों के 35 मसालों के नमूने लिए थे. नमूनों की जांच रिपोर्ट के अनुसार मसालों में  कार्बेंडाजिम का प्रयोग हुआ है. बताया जाता है कि फफूंदी नियंत्रण के लिए इसका प्रयोग किया जाता है. इससे दिल, गुर्दे की बीमारियों के साथ साथ बांझपन का भी खतरा हो सकता है. एक अन्य मसालों में प्रोपरगाइट पाया गया है. इसका प्रयोग फसलों और मकड़ियों के लिए किया जाता है. ये इंसान के लिए बहुत खतरनाक होता है.


कंपनी मालिकों को नोटिस जारी कर मांगा जवाब
एडीएम सिटी राजेश कुमार ने खाद्य विभाग की कार्रवाई और लिए गए नमूनों के फेल होने की जानकारी देते हुए बताया कि नमूने फेल होने के बाद कंपनियों के मालिकों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया गया है. साथ ही रिपोर्ट बनाकर अभियोजन की स्वीकृति के लिए लखनऊ विभाग के मुख्यालय भेजी गई है. स्वीकृति प्राप्त होने के बाद मामले में बाद दाखिल किया जाएगा और जुर्माना तय किया जाएगा.