कानपुर: शुक्रवार को ऑर्डिनेंस फैक्ट्री डे पर प्रदर्शनी का आयोजन किया गया था. इस दौरान फील्ड गन फैक्ट्री स्मॉल आर्म्स फैक्ट्री और ऑर्डिनेंस फैक्ट्री द्वारा सेनाओं के लिए बनाए जा रहे अत्याधुनिक हथियार गोला बारूद और टैंक की प्रदर्शनी लगाई गई थी. प्रदर्शनी में आने वाले लोगों ने देखकर इन आयुध निर्माणीयों की खुले मुंह से तारीफ की, इस बार निर्भीक, निशंक सुपर रैपिड गन माउंट जेवीपीसी कार्बाइन और मैग्गन जैसे हत्यारों ने लोगों को खूब आकर्षित किया.


कानपुर की आयुध निर्माणीयों ने पिछले कई सालों से तोप, गोला, बारूद, टैंक, एलएमजी, रिवाल्वर, पिस्टल इन सभी हथियारों का निर्माण करके देश की सेना और उनके सैन्य बल का दुनिया भर में लोहा मनवाया है. ऑर्डिनेंस फैक्ट्री डे में जब इन सभी की प्रदर्शनी लगाई गई तो यहां आने वाले आम लोगों ने इन्हें देख इनकी तारीफ की.


ऑर्डिनेंस फैक्ट्री डे पर हथियारों की प्रदर्शनी


कानपुर की आयुध निर्माणी रक्षा सामग्री बनाने में अपना अलग स्थान रखती हैं. ऐसे में जब सुपर रैपिड गन एलएमजी, जेवीपीसी, कार्बाइन मैग्गन, धनुष सारंग, पिनाका रॉकेट, रॉकेट लॉन्चर, निर्भीक रिवाल्वर, निशंक रिवाल्वर, प्रहार अनमोल रिवाल्वर समेत अन्य हथियारों की प्रदर्शनी लगी तो यहां आए लोग देखते ही रह गए.


जिन हथियारों को अभी तक लोग टीवी पर देखते आए हैं उन्हें अपने सामने देखकर वह भले ही बहुत रोमांचित हुए. आयुध निर्माणीयों के बड़े अधिकारियों की मानें तो लगातार तकनीक में सुधार करते हुए नए-नए आधुनिक हथियार और साजो सामान बनाने के लिए काम चल रहा है. इसी कड़ी में स्मॉल आर्म्स फैक्ट्री भी लाइट मशीन गन जैसे अत्याधुनिक हथियार लेकर देश की सेना को सुसज्जित करने में जुटी हुई है.


यहीं नहीं आने वाले दिनों में आयुध निर्माणी या नौसेना को एक ऐसी ताकत से सुसज्जित करने जा रही है, जिसके बाद 6 से 7 किलोमीटर तक गन के द्वारा मार करना आसान हो जाएगा. फील्ड गन फैक्ट्री इस सुपर रैपिड गन माउंट पर काम कर रही है. मेक इन इंडिया के तहत बहुत कुछ हथियार न सिर्फ सामने आएंगे बल्कि देश की सेना की ताकत बढ़ाते हुए दिखेंगे. यह प्रदर्शनी इसी बात को दिखाती है कि कैसे देश की सेना के बुलंद हौसले आने वाले दिनों में इन हथियारों की वजह से और ज्यादा बुलंद हो जाएंगे.


जेवीपीसी का खास क्रेज


ज्वाइंट वेंचर प्रोटेक्टिव कार्बाइन यानी जेवीपीसी कार्बाइन क्षमता के मामले में जर्मनी की हुचकेन्ह और बेल्जियम की हुएफेन्ह का मुकाबला कर सकती है. दूर तक मारक क्षमता और 600 राउंड प्रति मिनट वाली यह कार्बाइन पूरी तरह स्वदेशी है और दुनिया की किसी भी कार्बाइन को टक्कर देने के लिए काफी है इसका वजन करीब 3 किलो है. जेवीपीसी को SAF और ARD पुणे ने विकसित किया है. बिहार, झारखंड और जम्मू कश्मीर पुलिस इसका इस्तेमाल कर रही है जो एक बेहतरीन हथियार है. इसके कम भार के चलते एक हाथ से भी फायर किया जा सकता है. इसकी मारक क्षमता 800 मीटर है वहीं इसके मैगज़ीन में 30 राउंड आते हैं.


निशंक और निर्भीक को लेकर लोगों में उत्साह


कोरोना काल में आयुध निर्माणी दिवस पर प्रदर्शनी 2 साल बाद लगाई गई है. ऐसे में हथियारों को लोगों को बहुत ही करीब से देखने का मौका मिला. वहीं निशंक और निर्भीक रिवाल्वर लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र रही. कानपुर के अरमापुर में लगी आयुध प्रदर्शनी में स्मॉल आर्म्स फैक्ट्री द्वारा विकसित देश की सबसे हल्की रिवाल्वर प्रहार महिलाओं के आकर्षण का केंद्र रही. हालांकि फील्ड गन फैक्ट्री ने नए कलेवर की रिवाल्वर निशंक को विकसित किया है. निर्भया कांड के बाद खासतौर पर महिलाओं के लिए तैयार निर्भीक रिवाल्वर भी लोगों को काफी पसंद आ रही है, इन फैक्ट्रियों में 98 फ़ीसदी हथियार और कलपुर्जे स्वदेशी तकनीक से तैयार किए जा रहे हैं.


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