UP News: कानपुर (Kanpur) के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज (GSVM Medical College) में लगातार एडमिशन के नाम पर फर्जीवाड़े की खबरें निकल कर सामने आ रही हैं. पिछले एक हफ्ते में ही ऐसे दो मामले सामने आए हैं, जिसमें छात्राएं एडमिशन लेने कॉलेज पहुंची तो पता चला कि उनके साथ ठगी हुई है. दिल्ली (Delhi) के द्वारिका (Dwarka) में रहने वालाी विनीता स्नेह लता ने नीट की परीक्षा दी थी. उसकी रैंक इतनी नहीं थी कि उसे सरकारी मेडिकल कॉलेज में दाखिला मिल सके.


इसी बीच उसके पास एक फोन आया और फोन करने वाले ने उसे सरकारी मेडिकल कॉलेज में दाखिला दिलाने की बात कही. अपनी पहुंच ऊपर तक बता कर उसने विनीता के परिजनों को झांसे में ले लिया. विनीता के पिता खुद डॉक्टर हैं, जबकि मां सरकारी स्कूल में शिक्षक हैं.


कितने की हुई ठगी
अपनी बेटी को सरकारी मेडिकल कालेज में पढ़ाने के ख्वाहिश में वह ठग की बातों में फंस गए. गाजियाबाद के वैशाली एरिया में स्थित साईं एजुकेशन सेंटर के कार्यालय में उनसे कुछ फार्म भराए गए. बाद में उनको जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के परिसर में बुला कर बीस लाख रुपए लिए गए. जिसके कुछ दिनों बाद एडमिशन फाइनल होने के नाम पर उनसे बारह लाख रुपए साईं एजुकेशन सेंटर में लिए गए. जिसके बाद उनको फर्जी कागजात थमा कर जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज दाखिला लेने के लिए भेज दिया गया. लेकिन यहां पहुंचने पर उन्हें पता चला कि कागजात फर्जी हैं. जिसके बाद मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने पुलिस को मामले की जानकारी दी. ऐसी ही ठगी बिजनौर की रहने वाली शिवानी दास के साथ की गई. हालांकि शिवानी से ठग महज पचास हजार रुपए ही ठग पाए.


एक सप्ताह पहले भी हुआ
मेडिकल कॉलेज में तकरीबन एक सप्ताह पहले भी इसी तरह की मामला सामने आया था. उत्तराखंड रुड़की की छात्रा यहां क्लास अटेंड करने पहुंच गई थी. बाद में पता चला कि उससे पचीस लाख रुपए ठगने के बाद उसे फर्जी डॉक्यूमेंट थमाए गए थे. ठगों ने उसे भी परिजनों के साथ जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज कैंपस में बुलाकर रुपए वसूले थे. जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में नीट काउंसलिंग ऐडमिशन की नोडल इंचार्ज डॉ सुमन लता वर्मा का कहना है कि फर्जी एडमिशन के कुल तीन मामले सामने आए हैं.


तीन मामले आ चुके हैं सामने
दरअसल, जब ये स्टूडेंट्स एडमिशन लेने पहुंचे तो उनके डॉक्यूमेंट्स देखे गए. डॉक्यूमेंट्स में सबसे पहले दिया गया फॉर्म फर्जी निकला. उसपर जीएसवीएम की वेबसाइट गलत थी. पिन कोड गलत निकला, प्रिंसिपल संजय काला और नोडल डॉक्टर सुमन लता वर्मा के दस्तख्वत भी फर्जी निकले. मेडिकल कॉलेज में कुल मिला कर ऐसे तीन मामले सामने आ चुके हैं. पुलिस से मामलों की शिकायत की गयी है. वहीं शासन को भी मामले की जानकारी दी जा रही है. एक ही पैटर्न पर ठगी करने के यह मामले सामने आ रहे हैं. जिस पर रोक बेहद जरूरी है.


क्या बोली पीड़ित छात्रा की मां
पीड़ित छात्रा की मां का कहना है कि ये लोग मुझे नवंबर से फोन कर रहे थे कि मैडम आपका एडमिशन करवा देंगें. मैं कहती थी कि मुझे नहीं करवाना आप लोग फेक हो तो उनका कहना था कि नहीं मैडम आप आकर चेक कर लीजिए. जब दो तीन महीने उन्होंने फोन किया, तो मैंने सोचा की एक बार चली जाती हूं. जब मैं उनके पास गई तो उन्होंने बताया कि मैडम आपने रजिस्ट्रेशन भी करवाना है. 


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