Kanpur Hallett Hospital News: कानपुर (Kanpur) के हैलट अस्पताल में आये इंजेक्शन खराब निकले. अगर ये इंजेक्शन किसी मरीज को लगा दिए जाते तो उसके लिए खतरा पैदा हो सकता था. एसिडिटी में लगाए जाने वाले पेंटा प्रोजोल इंजेक्शन यूपी मेडिकल कॉरपोरेशन ने सप्लाई किए थे. इन इंजेक्शन की राजकीय विश्लेषक लैब ने खराब होने की पुष्टि की.


यूपी मेडिकल कॉरपोरेशन ने भेजा इंजेक्शन 


यूपी मेडिकल कॉरपोरेशन सभी मेडिकल कॉलेजों को दवाइयां उपलब्ध कराता है जो सरकारी मेडिकल कॉलेज में आने वाले सभी मरीजों को मुफ्त में मुहैया कराई जाती है. कानपुर के अस्पताल में यूपी मेडिकल सप्लाई कॉर्पोरेशन द्वारा भेजे गए इंजेक्शन खराब गुणवत्ता के पाए गए. यूपी मेडिकल कॉर्पोरेशन ने एसिडिटी के रोग को दूर करने के लिए लगाए जाने वाले पेंटा प्रोसॉल इंजेक्शन जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज कानपुर में 7 हजार की संख्या में सप्लाई किए थे. ये सारे इंजेक्शन गुणवत्ता मानक पर बेहद खराब साबित हुए. इंजेक्शन को राजकीय विश्लेषक लैब ने इसकी खराब गुणवत्ता होने की पुष्टि भी कर दी.


हैलट अस्पताल के स्टोर से एसिडिटी की दवा और एंटीबायोटिक के सैंपल 16 अगस्त को लिए गए थे. लैब में इन्हें परखने के बाद इनमें फॉरेन पार्टिकल्स मिलने की पुष्टि की गई. यानी अगर इंजेक्शन किसी मरीज को लग जाता तो खतरनाक साबित हो सकता था. मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने शक होने पर पहले ही इसके वितरण पर रोक लगा दी थी.


स्टोर रूम के कर्मियों को हुआ शक


मामला सामने आने पर ड्रग विभाग ने जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य संजय काला, प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक और स्टोर के चीफ फार्मेसिस्ट को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा था. इसी के साथ दवा के वितरण पर भी विभाग द्वारा रोक लगा दी गई. हैलट के स्टोर से एसिडिटी की दवा और एंटीबायोटिक के सैंपल 16 अगस्त को लिए गए थे और ये सैंपल जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ संजय काला के कहने पर लिए गए थे. स्टोर रूम में कार्यरत कर्मियों और प्राचार्य को दवा का रंग देखकर शक हुआ, उसी वक्त यूपी मेडिकल सप्लाई कॉरपोरेशन से खराब दवा होने की शिकायत की गई थी.


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