ACP मोहसिन और उनके वकील पर FIR, IIT छात्रा ने कहा- 'जान का खतरा, मिल रही धमकियां'
UP News: कानपुर पुलिस कमिश्नरेट में तैनात एक एसीपी मोहसिन खान पर आरोप लगाते हुए आईआईटी में पढ़ने वाली छात्रा ने यौन शोषण की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. न्यायालय ने आरोपी एसीपी की गिरफ्तारी पर रोक लगाई थी.
Kanpur News: कानपुर आईआईटी में पढ़ने वाली एक छात्रा ने कुछ दिनों पहले कानपुर पुलिस कमिश्नरेट में तैनात एक एसीपी रैंक के अधिकारी मोहसिन खान पर यौन शोषण की एफआईआर दर्ज कराई थी. इसमें आरोप था कि छात्रा के साथ एसीपी ने यौन शोषण किया है लेकिन एक बार फिर से आईआईटी छात्रा ने आरोपी मोहसिन खान और उनके अधिवक्ता गौरव दीक्षित के खिलाफ कानपुर के कल्याणपुर थाने में एफआईआर दर्ज कराते हुए अपनी जान को खतरा बताते हुए सुरक्षा की गुहार लगाई है.
बीते कुछ दिन पहले आईआईटी कानपुर सुर्खियों में आ गया था. दरअसल, कानपुर पुलिस कमिश्नरेट में तैनात एक एसीपी मोहसिन खान पर आरोप लगाते हुए आईआईटी में पढ़ने वाली छात्रा ने यौन शोषण की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. छात्रा का आरोप था कि पीएचडी की पढ़ाई कर रहे एक एसीपी मोहसिन खान ने यहां पढ़ने वाली छात्रा से दोस्ती के दौरान शादी का झांसा देकर अपनी हकीकत छुपाते हुए यानी कि खुद की शादी की बात छुपाकर उसके साथ रिश्ते में रहा और उसका यौन शोषण किया. इस मुकदमे ने कानपुर पुलिस की छवि को दागदार कर दिया था.
उच्च न्यायालय ने एसीपी की गिरफ्तारी पर लगाई रोक
वहीं उच्च न्यायालय में इस मुकदमे की सुनवाई के दौरान न्यायालय ने आरोपी एसीपी को अरेस्टिंग स्टे देकर उसकी गिरफ्तारी पर रोक लगाई थी. जिसके बाद अब छात्रा ने फिर से कल्याणपुर थाना में एक एफआईआर फिर से दर्ज कराते हुए खुद की जान को खतरा बताया है. पीड़िता का आरोप है कि आरोपी पुलिस अधिकारी और उसके अप्रत्यक्ष साथी उसे धमकियां दे रहे हैं. इसके साथ ही आरोपी के अधिवक्ता गौरव दीक्षित ने टीवी चैनल में दिए बयान के दौरान उनकी छवि को धूमिल करने की बात भी कही. एसीपी के बाहर रहने के चलते वो खुद को असहज महसूस कर रहे हैं. छात्रा को आईआईटी कैंपस से बाहर निकलने में डर लग रहा है और आरोपी के हार होने उनकी आक्रामक कार्यवाही प्रभावित भी हो रही है.
वहीं इस मामले में आरोपी एसीपी मोहसिन खान के अधिवक्ता गौरव दीक्षित ने बताया कि उनके द्वारा किसी की छवि खराब नहीं की जा रही है और न ही किसी की छवि धूमिल करने की उनकी कोई मंशा है. वो सिर्फ एक मुकदमा लड़ रहे हैं और अपने क्लाइंट को बचाने के लिए मौजूदा साक्ष्यों के आधार पर काम कर रहे हैं. उनके द्वारा न्यायालय में प्रस्तुत किए गए सभी साक्ष्य बतौर हलफनाम के प्रस्तुत हैं और उनकी कही गई बातें आधार के साथ हैं और पीड़ित छात्रा जिस समाचार में दिए गए बयान के आधार पर एफआईआर दर्ज कराई है, उस वीडियो के बयान में किस भी प्रकार की कोई आपत्तिजनक बात नहीं कही गई है. पीड़ित छात्रा को अपने दर्ज कराए गए मुकदमे में सत्यता नजर नहीं आ रही है. तभी वो मुकदमा कमजोर होते देख इस तरह के आरोप और एफआईआर दर्ज करा रही हैं.
मामले में पुलिस ने क्या कहा?
वहीं एसीपी अभिषेक पांडे ने बताया कि छात्रा की तहरीर पर सम्मान को नुकसान पहुंचाने और मानहानि के धारा में रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है और मामले में निष्पक्ष जांच कराकर कार्यवाही की जाएगी.
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