Kanpur IIT: देश की कानपुर आईआईटी (IIT) ने एक बड़ी कामयाबी हासिल की है, जिसके चलते तकनीकी क्षेत्र में देश का भी नाम ऊंचा हुआ है. कानपुर आईआईटी ने देश की पहली हाइपर वेलोसिटी एक्सपेंशन टनल टेस्ट (Hyper Velocity Expansion Tunnel Test) सुविधा की सफलतापूर्वक टेस्टिंग कर स्थापना कर ली है. इस टेस्टिंग के बाद भारत का नाम हाइपरसोनिक टेस्टिंग वाले कुछ देशों की सूची में शामिल हो गया है. इस तकनीक से हाईपर सोनिक क्रूज मिसाइलों को सटीक निशाना लगाने के लिए तैयार किया जा सकेगा.
कानपुर आईआईटी ऐसी सुविधा विकसित करने वाला ऐसा संस्थान है जिसने भारत के बाहर रिसर्च के क्षेत्र में अलग मुकाम हासिल किया है. एस2 सुविधा वाहनों के वायुमंडलीय प्रवेश, स्क्रेमजेट उड़ानों और बैलिस्टिक मिसाइलों तथा क्षुद्र ग्रह के दौरान हाइपरसोनिक स्थितियों का अनुकरण करते हुए 3-10 किमी/सेकेंड के बीच उड़ान गति उत्पन्न करने की क्षमता है.
अंतरिक्ष और रक्षा क्षेत्र में मिलेगी मजबूती
आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रो एस गणेश ने इस उपलब्धि का जिक्र करते हुए इसे ऐतिहासिक करार दिया है. उन्होंने कहा कि एस2 महत्वपूर्ण परियोजनाओं में भारत के आंतरिक और रक्षा संगठनों को मजबूत करेगा. एस2 ने आईआईटी कानपुर की काबिलियत को दर्शाया है. एस2 महत्वपूर्ण परियोजनाओं और मिशनों के लिए घरेलू हाइपरसोनिक परीक्षण क्षमताओं के साथ अंतरिक्ष और रक्षा संगठनों को भी सशक्त बनाएगा.
प्रो एस गणेश ने कहा कि एस2 को बनाने में फिजिक्स और अनुभवी इंजीनियरिंग की जरूरत थी और उससे भी ज्यादा जरूरी थी की फ्री पिस्टन ड्राइवर प्रणाली को बेहतर करना ज़रूरी थी. इस परीक्षण से इसरो और डीआरडीओ के मिशन में भी सफलता और सहायता मिलेगी.
एयरो स्पेस के प्रोफेसर जी एस कामथ ने कहा कि एस2 को लेकर हम अपने क्षितिज को आगे बढ़ा रहे हैं और इससे नई पीढ़ी को प्रेरित भी करेंगे. एस2 कानपुर आईआईटी और देश के लिए एक बड़ी उपलब्धि साबित हो रहा है और भविष्य में भी होगा. आरडीबी और डीएसटी से मिलने वाले समर्थन ने भी इस टेस्ट को सफल बनाया है.