Kanpur Income Tax Raid: कानपुर में पिछले पांच दिनों से चल रही आयकर विभाग (Income Tax Department) की छापेमारी खत्म हो गई है. जिसमें आयकर विभाग ने 25 करोड़ रुपये की बरामदगी की है. पिछले करीब सात महीनों से लगातार इनकम टैक्स डिपार्टमेंट इनकी ट्रैकिंग कर रहा था, जिसके लिए आईटी ने आर्टिफिशल इंटेलिजेंस टूल (Artificial Intelligence Tool) का इस्तेमाल किया. इस टूल की मदद से कई हाई-वैल्यू संदिग्ध लेन-देन निकलकर सामने आए. जब अधिकारी पूरी तरह से पुख्ता हो गए तो कई जगहों पर रेड की गई.


जांच के दौरान आयकर विभाग की टीम को उस वक्त और पुख्ता हो गई जब 2 हजार के नोटों की वापसी के दौर में कुछ अन्य क्लू मिले, जिसके बाद आयकर अधिकारी एक्शन में आए और अपना काम शुरू कर दिया. बीते गुरुवार सुबह सिर्फ कानपुर में ही 17 जगहों पर सर्राफा व्यापारियों और रियल स्टेट कारोबारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई और एकदम पुख्ता होने के बाद छापे मारे गए. 


छापेमारी में सामने आई ये बात


आयकर विभाग के सूत्रों का दावा है कि राधामोहन पुरुषोत्तम दास ज्वैलर्स, दो फर्मों के जरिए अपना कारोबार संचालित कर रहे थे. दूसरी फर्म राधामोहन पुरुषोत्तम दास प्राइवेट लिमिटेड है. दोनों फर्मों से बड़े पैमाने पर नगद में खरीद-बिक्री की गई. अंतिम रूप से रकम काफी बड़ी होने के आसार हैं. आयकर विभाग की काफी समय से इस पर नजर थी. इस छापेमारी के दौरान करोड़ों की टैक्स चोरी का मामला सामने आया है.


आर्टिफिशल इंटेलिजेंस टूल का इस्तेमाल


जानकारी के मुताबिक उत्तर प्रदेश में पहली बार है जब आयकर विभाग की टीम ने इस तरह ऑर्टिफिशयल इंटेलिजेंस के जरिेए इनकम टैक्स की चोरी पकड़ी है. इससे पहले ये काम मैनुअली किया जाता था, जिसकी वजह से ऐसे अपराधियों के खिलाफ ट्रेल बनाने में ही काफी समय लग जाता था. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एक ऐसी तकनीक है जिसमें एक एंट्री डालते ही सॉफ्टवेयर पुरानी की गई कई एंट्री की डिटेल देता है और पूरी जानकारी निकलकर सामने आ जाती है. 


ये भी पढ़ें- UP Politics: 'हिंदुस्तान के मुसलमानों को गले कब लगाएंगे PM मोदी?' रामपुर पहुंचे AAP नेता संजय सिंह का तंज