Kanpur News: कानपुर शहर में पिछले 9 सालों के बाद आवासीय जमीनों से लेकर कमर्शियल लैंड तक से सर्किल रेट में में बदलाव किया गया था. जिसमे जमीनों के सर्किल रेट में 20 प्रतिशत से ऐ 40 प्रतिशत तक की बढ़त की गई थी. जिससे जमीनों को खरीदने वालों ने रेट तय होने से पहले ही रजिस्ट्री करा ली थी और उन रेटों को तय करने से पहले सभी विभागों और शहर वासियों को अपनी आपत्तियां दाखिल करने के लिए समय भी दिया था. लेकिन सभी औपचारिकता पूरी करने के बाद प्रशासन ने शहर में नए सर्किल रेट जारी किए थे. लेकिन अचानक से अब फिर प्रशासन ने बढ़े हुए सर्किल रेट पर रोक लगा दी है.
कानपुर में प्रशासन की ओर से जारी किए गए नए सर्किल रेट से रजिस्ट्री विभाग को काफी दिक्कतों का सामना करना ऐप रहा है. जिसके चलते हाल ही में पिछले 9 साल बाद बदले गए सर्किल रेट पर एक बार फिर आपत्ति जताई गई है. ये आपत्ति रजिस्ट्री विभाग की ओर से लगाई गाया है. जिसमे 13 सितंबर तक एक बार फिर से शहर की जनता से राय और आपत्ति मांगी गई है. जिसके चलते इस नए सर्किल रेट में क्या बदलाव किए जा सकते हैं.
रजिस्ट्री के दौरान अधिकारियों को समस्या हो रही
दरअसल शहर में जारी किए गए सर्किल रेट को तीन अलग अलग हिस्सों में निर्धारित किया गया था. जिसमे आवासीय , खेतीहर और अव्यवसायिक भोमिया शामिल थी. लेकिन अब इनके मूल्यांकन में रजिस्ट्री के दौरान अधिकारियों को समस्या हो रही है. जिसके चलते वो भूमियों की रजिस्ट्री सही से नहीं कर पा रहे हैं.
दरअसल बढ़ाए गए सर्किल रेट में फ्लैट के निर्माण और भूमि की कीमत के सर्किल रेट को एक ही श्रेणी में रक्षा गया है जिससे रजिस्ट्री में इस बात की दिक्कत आ रही है क्योंकि बने हुए भवन और खाली भूमि में निर्माण का पैसा अंधी जोड़ा जाता था लेकिन अब एक होने की वजह से ये आपत्तियां की जा रही है जिससे विभाग जूझ रहा है, कृषि क्षेत्र की भूमि में 10 प्रतिशत , आवासीय में 15 से 20 प्रतिशत और व्यावसायिक क्षेत्र में 20 प्रतिशत सर्किल रेट तय किए गए थे,लेकिन उसकी रजिस्ट्री में अब विभाग को दिक्कत आ रही हैं.
क्या बोले एआईजी स्टाम्प श्याम सिंह
इस समस्या को लेकर एआईजी स्टाम्प श्याम सिंह ने बताया की शहर और ग्रामीण क्षेत्र में जमीनों के निर्माणाधीन होने और खाली प्लॉट को लेकर की जाने वाली रजिस्ट्री में दिक्कत आ रही है और सही मूल्यांकन नहीं हो पा रहा है जिसके चलते एक बार फिर से आपत्तियां जताई गई हैं और 13 सितंबर के बाद सर्किल रेट फिर से तय किए जायेंगे.
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