Kanpur News: कानपुर में इन दिनों पुलिस की कार्यशैली और पुलिस से न खुश होने वालों की तादाद लगातार बढ़ती जा रही है. इस नाराजगी में शामिल ज्यादातर बीजेपी कार्यकर्ता और नेता है. सरकार की मानसिकता और उन्हें समर्थन करने वाली उनकी अन्य बॉडी के कार्यकर्ता भी शहर में खाकी की व्यवहार से परेशान दिख रहा हैं. इसकी एक तस्वीर कानपुर के कर्नल गंज कोतवाली में देखने को मिली. जहां बड़ी संख्या में बजरंग दल और बीजेपी कार्यकर्ताओं ने मिलकर खाकी पर आरोप लगाए और उसी आरोप के चलते थाने में पुलिया के मुर्दाबाद के नारे भी लगाए हुए दिखाई दिए.
दरअसल, कोतवाली के पास बनी एक चाय की दुकान और नजदीक स्थित बस अड्डे की वजह से यहां डेरा रात भी चहल पहल रहती है. बवाल की जड़ यहां पास में बनी एक चाय की दुकान पर कुछ बजरंग दल के कार्यकर्ता चाय पीने आए हुए थे. तभी से ये बावला बढ़ा. आरोप है की चौकी इंचार्ज नितिन पुलिया ने चाय की दुकान पर पहले कार्यकर्ता से बहस करी और फिर देर रात खड़ी उसकी गाड़ी का चालान कटने लगाए. जिसके विरोध करना कार्यकर्ता को भारी पड़ा.
कार्यकर्ताओं ने थाने का किया घेराव
कार्यकर्ता हर्ष वर्धन ने बताया कि दरोगा ने उसे इसी बहस के दौरान जबरन पकड़कर थाने में ले जाया गया. दरोगा ने उसे एनकाउंटर करने की धमकी भी दी, जिस पर बवाल बढ़ गया और कुछ ही देर में थाने में सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने घेराव कर लिया. वहीं पुलिस के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगाने शुरू कर दिए. इस मामले में देर रात चले हंगामे के बाद अधिकारियों ने अपनी मौजूदगी में हंगामे को शांत कराने की कोशिश की.
वहीं इस मामले को लेकर बजरंगदल के कार्यकर्ता हर्षवर्धन ने बताया कि दरोगा नितिन पुनिया उसे पहले से जलते थे. उसी के चलते इनके साथ दोबारा ऐसी व्यवहार हुआ. अपनी खुन्नस में दरोगा ने उन्हें थाने में लेजाकर पीटा. उसे बंद करने के लिए उसके ऊपर क्रूर आरोप लगाने का प्रयास किया, साथ ही उसे एनकाउंटर में मरने की भी धमकी दी. इस प्रकरण के दौरान एसीपी कर्नलगंज महेश कुमार ने बताया की सभी तथ्यों की निष्पक्ष जांच कराई जायेगी और इस जांच में अगर दरोगा दोषी होगा. उसके ऊपर सख्त कार्रवाई की जाएगी.
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