कानपुर जेल प्रशासन अलर्ट, इन चार गुटों के बीच गैंगवार की आशंका, बैरकों में बढ़ी सुरक्षा
Kanpur Jail News: कानपुर जेल प्रशासन इन दिनों गैंगवार की आशंका के मद्देनजर बैरकों में सुरक्षा बढ़ा दी है. गैंगवार और हिंसा की आंशका ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने खास प्लान बनाया है.
Kanpur News Today: कानपुर जेल प्रशासन अलर्ट है, इसकी वजह ये है कि जेल में बंद चार गुट आमने सामने आ सकते हैं. बताया जा रहा है कि यह गुट एक दूसरे के जान के दुश्मन है. ऐसे में यह खतरा बढ़ गया है कि ये गुट एक दूसरे पर हमलावर ना हो जाए. कानपुर जेल में गैंगवार के मद्देनजर जेल प्रशासन ने और चौकन्ना हो गया है.
दरअसल, कानपुर जेल में इन दिनों चार गुटों के सदस्य बंद हैं. सीसामऊ सीट से पूर्व विधायक इरफान सोलंकी के भाई रिजवान सोलंकी कानपुर जेल में बंद है. इसी जेल में हिंदूवादी नेता धीरज चड्ढा को भी हाल ही में कैद किया गया है. धीरज चड्ढा ने सीसामऊ से वर्तमान सपा विधायक नसीम सोलंकी को धमकी दी थी, इस मामले में पुलिस ने सपा विधायक नसीम सोलंकी की शिकायत पर धीरज चड्ढा को गिरफ्तार यही रखा है.
सपा विधायक नसील सोलंकी, कानपुर जेल में बंद रिजवान सोलंकी की भाभी हैं. आशंका जताई जा रही है कि भाभी नसीम सोलंकी के अपमान का बदला लेने के लिए हिंदूवादी नेता धीरज चड्ढा और रिजवान सोलंकी में विवाद हो सकता है.
कमलेश- सलीम पर प्रशासन की नजर
दूसरी तरफ कानपुर जेल में कमलेश फाइटर भी बंद है, जिस पर पुलिस ने गैंगस्टर की कार्रवाई की थी. कमलेश फाइटर का पूरा गैंग भी जेल में बंद है. वहीं भूमाफिया सलीम बिरयानी को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है, जिसके खिलाफ कमलेश फाइटर ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी. दोनों के बीच लंबे समय से दुश्मनी चल रही है और अब दोनों जेल में एक साथ कैद हैं.
ऐसे में दोनों के अपने गैंग के सदस्यों के साथ किसी अनहोनी की संभावना बढ़ गई है, जिससे जेल प्रशासन की चिंताएं बढ़ गई हैं. कानपुर जेल में कई अन्य खतरनाक कैदी भी बंद हैं, जो अपने वर्चस्व को लेकर एक दूसरे की जान लेने पर आमादा हैं. इसकी वजह से कानपुर जेल प्रशासन इस आशंका के मद्देनजर चिंतित नजर आ रहा है कि इनकी गुटबाजी और रंजिशों के कारण कोई बड़ा हादसा या घटना न हो जाए, जिससे जेल में स्थिति और बिगड़ सकती है.
'बैरकों में बढ़ाया गया पहरा'
कानपुर जेल अधीक्षक बीडी पांडेय ने बताया कि जेल में गैंगवॉर की संभावना को देखते हुए जेल प्रशासन ने बड़े अपराधियों और माफियाओं के बीच किसी भी प्रकार की लड़ाई, झगड़ा और गैंगवार से बचने के लिए सख्त कदम उठाए हैं. इसके तहत सभी एंटी कैदियों को एक दूसरे से दूर रखा गया है और उनकी बैरकों में पहरा बढ़ा दिया गया है.
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