कानपुर, एबीपी गंगा। कश्मीर के पुलवामा में सेना ने 6 आतंकियों को ढेर कर दिया है। आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान कानपुर देहात के डेरापुर निवासी 17 राजपूत रेजीमेंट के जवान रोहित यादव शहीद हो गए। सूचना पहुंचते ही पूरे गांव में मातम पसर गया। पिता बेसुध हो गए और रोहित की पत्नी की तबीयत खराब हो गई। रोहित की खबर मिलने के बाद से पूरे परिवार में कोहराम मचा है।


जल्द लौटने की कही थी बात


25 वर्षीय रोहित यादव 17वीं राजपूताना राइफल्स की 44वें आतंकवाद निरोधक दस्ते में शामिल थे। जम्मू कश्मीर के पुलवामा में  गुरुवार को आतंकवादियों से मुठभेड़ के दौरान कानपुर देहात के डेरापुर निवासी रोहित शहीद हो गए। भाई सुमित ने बताया कि रोहित नवंबर 2011 में सेना में भर्ती हुए थे। उनकी शादी 25 अप्रैल 2016 को वैष्णवी के साथ हुई थी। बीती 17 अप्रैल को ही छुट्टी से यह कहते हुए वापस गए थे कि जल्द ही लौट आऊंगा। लेकिन किसे पता था, ऐसे आएगा।


मिलनसार थे रोहित


रोहित हंसमुख और मिलनसार होने के चलते सबके चहेते थे। मार्च में एक महीने की छुट्टी पर आए थो और दोस्तों के साथ काफी वक्त बिताया था। डेरापुर के अमन मिश्र कहते हैं, इस बार बड़ी गर्मजोशी से मिले थे। बहुत मीठा बोलते थे। विश्वास ही नहीं हो रहा है कि इतनी जल्दी उनसे साथ छूट गया। साथ पढ़े चंद्रशेखर ने बताया कि रोहित दो साल से जम्मू में तैनात थे। पहले शोपियां में तैनाती रही, फिर उन्हें पुलवामा भेजा गया। 17 अप्रैल को वापस जाते समय मिल कर कहा था कि जल्द लौटूंगा और ढेर सारी बातें करूंगा।


भारत माता की रक्षा करते हुए शहीद हुआ बेटा


सेना की सप्लाई कोर में हवलदार रहे पिता गंगादीन यादव रोहित के शहीद होने की सूचना पर बेसुध से हो गए। परिजनों ने उन्हें ढांढस बंधाया। गीली आंख और भरी आवाज को काबू में करते हुए गंगादीन ने कहा कि उन्हें बेटे पर गर्व है। वह भारत माता की रक्षा करते हुए शहीद हुआ है। सैनिक हूं, जानता हूं, देश का हित सर्वोपरि है। मेरे बेटे ने मेरा सीना चौड़ा किया है।