Kanpur Kidnapping Case: फिरौती के 30 लाख की रकम का सच, असली-नकली पैसों और बैग की गुमशुदगी में फंसा पेंच
कानपुर संजीत यादव अपहरण और हत्या मामले में अब फिरौती की रकम से भरे बैग पर पेंच फंस गया है. अपहरणकर्ताओं ने फिरौती की रकम वाला बैग मिलने से इनकार किया है.
कानपुर: बर्रा अपहरण कांड मामले में अब फिरौती की रकम को लेकर पेंच फंसा हुआ है. अपहणकर्ताओं ने फिरौती का बैग मिलने से इनकार कर दिया है. जिसके बाद से सवाल उठ रहे हैं कि फिरौती की रकम से भरा बैग अगर अपहरणकर्ताओं के हाथ नहीं लगा, तो फिर वो बैग कहां है?
फिरौती के बैग में असली नहीं, नकली पैसा था?
इस बीच ये जानकारी भी निकलकर सामने आई है कि फिरौती के बैग में असली नहीं बल्कि चूरन वाले यानी नकली नोट थे. दरअसल एक वीडियो सामने आया है, जिसमें बैग फेंके जाने के बाद जब अधिकारी संजीत यादव के पिता और बहन से बातचीत कर रहे थे, तब पिता चमन सिंह यादव बता रहे थे कि बैग में नकली पैसा था, चूरन वाला, असली पैसा नहीं था. इस पूरी बातचीत को चमन सिंह यादव के साथ आए उन्हीं के एक रिश्तेदार ने चुपके से रिकॉर्ड कर लिया था.
संजीत यादव अपहरण और हत्या कांड पर पुलिस की लापरवाही और नाकामी पर उठ रहे सवालों के बीच शुक्रवार को आईजी मोहित अग्रवाल और एसएसपी दिनेश कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि कैसे संजीत के दोस्तों ने ही उसका अपहरण और फिर हत्या की साजिश रची. हालांकि, मामले में पांच अभियुक्तों को पकड़ने जाने के बाद भी पुलिस अभी तक ये स्पष्ट नहीं कर पाई है कि 30 लाख रुपये की फिरौती का पैसा कहां है. फिरौती की रकम से भरा बैक कौन उठा ले गया.
सवालों में असली-नकली पैसा और फिरौती वाला बैग
सवाल ये भी उठ रहा है कि अगर बैग में नकली पैसा भी था, तब भी बैग गया कहां. अपहरणकर्ताओं का कहना है कि पुलिस के डर से वो लोग वापस अपने अड्डे पर चले गए. उन्होंने बताया कि फिरौती की रकम वाला बैग फेंका गया था, लेकिन उन्होंने उठाया नहीं.
फिरौती की रकम पर बोले आईजी मोहित अग्रवाल
किडनैपर्स को 30 लाख रुपये की फिरौती देने के सवाल पर आईजी मोहित अग्रवाल ने कहा कि पीड़ित पक्ष का दावा है कि अपहरणकर्ताओं को 30 लाख रुपये की फिरौती दी गई, लेकिन अभी तक की जांच में ये पता चला है कि आरोपियों को फिरौती की रकम वाला बैग मिला ही नहीं. उन्होंने कहा कि हम सभी पहलुओं पर जांच कर रहे हैं.
22 जून को हुआ था अपहरण
गौरतलब है कि बर्रा निवासी लैब टैक्नीशियन संजीत यादव का 22 जून को अपहरण कर लिया गया था. 27 जून की सुबह उसकी हत्या कर दी थी और 29 जून को फिरौती की मांग की थी. पुलिस ने मामले में पांच अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है. जिन्होंने बताया कि उन्हें पैसों के लालच में संजीत का अपहरण किया और फिर उसे मार डाला.
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