Kanpur News: कानपुर मेयर प्रमिला पांडे पुराने तेवर में आईं नजर, इस मामले पर मेट्रो अधिकारियों की लगाई क्लास
Kanpur Mayor Pramila Pandey News: कानपुर मेयर प्रमिला पांडे इस बात नाराज हुई थीं कि जब शासन की मंशा है कि एक पेड़ काटने पर 10 पौधे लगाए जाएंगे तो मेट्रो अधिकारियों ने इसका पालन क्यों नहीं किया.
UP News: कानपुर की मेयर प्रमिला पांडे अपने पुराने तेवर पर लौट आई हैं. लगातार दूसरी बार कानपुर शहर की मेयर बनी प्रमिला पांडे आज मेट्रो के अधिकारियों के साथ नगर निगम दफ्तर में बैठक कर रही थी. लेकिन अचानक ही प्रमिला पांडे का गुस्सा फूट पड़ा. दरअसल जूही नजरिया से नौबस्ता तक मेट्रो का काम चल रहा है, पहले फेस में कानपुर के आईआईटी से लेकर नौबस्ता तक मेट्रो चलाने का काम बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है. इसी बीच जूही से नौबस्ता के रास्ते में कई पेड़ बाधा बन रहे थे जिन्हें मेट्रो के अधिकारियों के द्वारा कटवा दिया गया. जब मेयर प्रमिला पांडे को लोगों ने इसकी शिकायत की तो आज उन्होंने मेट्रो के अधिकारियों संग बैठक बुला ली.
मेयर मेट्रो के आए हुए अधिकारियों पर जमकर बरसीं. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री की यह सोच है कि पेड़ों को काटने से पहले ही उन्हें लगाना होगा लेकिन ऐसा मेट्रो के अधिकारियों के द्वारा नहीं किया गया. बेहद नाराज और पर्यावरण प्रेमी मेयर प्रमिला पांडे ने कहा कि पूर्व के कार्यकाल में मेट्रो अधिकारियों के साथ बैठक में दुर्दशा ग्रस्त पार्क का मुद्दा उठाया था. तब पार्क को सही कराने या फिर किराया देने का आश्वासन दिया गया था. लेकिन अभी तक उस मामले में कुछ भी नहीं हुआ. मेयर प्रमिला पांडे ने ये भी कहा कि पेड़ काटने के नाम पर वन विभाग को मेट्रो ने क्षतिपूर्ति दे दी लेकिन नगर निगम का पार्क बर्बाद कर दिया गया और मेट्रो को कुछ भी नहीं दिया गया.
मेयर इस बात नाराज हुई थीं कि जब शासन की मंशा है कि एक पेड़ काटने पर 10 पौधे लगाए जाएंगे तो मेट्रो अधिकारियों ने इसका पालन क्यों नहीं किया. बैठक में आए मेट्रो अधिकारियों से उन्होंने साफ लहजे में चेतावनी देते हुए कहा कि उन्हें सही जवाब चाहिए.और जब तक सही जवाब नहीं मिलेगा, तब तक मौके पर नगर निगम के अधिकारी भी बैठे रहेंगे. करीब 1 घंटे तक अधिकारी बैठे रहे. मेयर ने आरोप लगाया कि मेट्रो अधिकारियों ने लापरवाही दिखाते हुए नगर निगम के पार्क का भी नुकसान कर दिया. इस दौरान सभी लोग मीटिंग हाल में बिना पंखे के बैठे रहे.