(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Kanpur News: कानपुर मेडिकल कॉलेज में 100 बेड खरीद में 45 लाख की गड़बड़ी! एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे अधिकारी
कानपुर मेडिकल कॉलेज में भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है. यहां बेड खरीदने के नाम पर 45 लाख रुपये का गड़बड़झाला किया गया है. अब प्रिंसिपल और पूर्व क्रय सचिव एक दूसरे पर आरोप मढ़ रहे हैं.
UP News: कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज (JSVM Medical College) में बेड खरीद में गड़बड़ी की बात सामने आई है जिसकी शिकायत सीधे सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) से की गई है. सीएम योगी के नाम अपनी चिट्ठी में शिकायतकर्ता ने कहा है कि जिस मॉडल का बेड (C-1102) राजस्थान मेडिकल कॉलेज ने 76.140 हजार का खरीदा, उसे कानपुर मेडिकल कॉलेज ने GST के साथ 1.22 लाख का खरीदा है. यहां कुल 100 बेड खरीदे गए हैं जिसके लिए लगभग 45 लाख रुपये अधिक कीमत चुकाई गई है.
प्रिंसिपल और पूर्व क्रय सचिव फोड़ रहे एक-दूसरे पर ठीकरा
इस शिकायत के बाद कानपुर मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल और पूर्व क्रय सचिव एक दूसरे पर इसका ठीकरा फोड़ने में लगे हुए हैं. प्रिंसिपल डॉ. संजय काला ने इस मामले में बात करने से इनकार कर दिया. हालांकि वर्तमान क्रय सचिव का कहना है कि जो भी खरीद की जा रही है उसमें कोई भी गड़बड़ी नहीं हुई है. क्रय सचिव अमित सचान ने कहा, 'मुझसे पहले खरीद का काम डॉ.प्रशांत त्रिपाठी और प्रिंसिपल देखते थे. ऑर्डर उनके सामने दिए गए हैं. मुझे तो अभी चार्ज मिला है.'
सीएम से शिकायत के बाद मेडिकल कॉलेज में हड़कंप
सरकार की तरफ से आईसीयू के लिए पांच फंक्शन वाला बेड खऱीदने की इजाजत मिली थी. इसके बाद पूर्व क्रय सचिव डॉ. प्रशांत त्रिपाठी और प्रिंसिपल डॉ.संजय काला ने टेंडर निकाला था. इसके लिए 12 कंपनियों ने टेंडर दिया था. इसका टेंडर पीवी इंटरप्राइजेज को दिया गया और C-1102 मॉडल का बेड 1.08 लाख रुपये में खरीद लिया गया. वहीं, लखनऊ निवासी एमके अग्रवाल ने 45 लाख के घोटाले को लेकर सीएम, मुख्य सचिव और मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल से शिकायत की है. अपनी शिकायत में उन्होंने कहा कि राजस्थान के भारत मेडिकल कॉलेज ने इसी बेड को 76,140 रुपये में खरीदा है. इस शिकायत से कॉलेज में हड़कंप मच गया है. प्रिंसिपल डॉ. संजय काला मीडिया को गोलमोल जवाब देते दिखे. हालांकि पूर्व क्रय सचिव डॉक्टर प्रशांत त्रिपाठी का कहना है कि इस मामले में सभी नियमों का पालन किया गया है और क्रय किए जाने की प्रक्रिया के बीच में ही उन्हें उनके पद से हटा दिया गया था.
मॉडल नंबर में हेरफेर से गहराया शक
उधऱ, जानकारों की माने तो ऑर्डर करने से पहले टेंडर पास कंपनी को कैटलॉग लगाना जरूरी होता है, लेकिन सूत्रों की माने तो इसके लिए कैटलॉग नहीं लगाया गया था. जिस पांच फंक्शन के बेड की अनुमित मिली थी उसका मॉडल नंबर C-1102 था. वहीं, गर्दन फंसने पर प्रिंसिपल और वर्तमान क्रय सचिव सात फंक्शन वाले बेड की बात करने लगे. हालांकि वे इसका मॉडल नहीं बता पाए. वहीं, यह मॉडल कागज में भी दर्ज नहीं है.
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